कोलकाता / संदेशखाली : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज केंद्र पर अपना निशाना जारी रखा और उस पर राज्य की पिछली वाममोर्चा सरकार द्वारा छोडे गएऋण के बोझ से उबरने के लिए पर्याप्त वित्तीय पैकेज की उनकीमांग के प्रति उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाया.
उत्तरी 24 परगना जिले में एक जनसभा में ममता बनर्जी ने राज्यों को कर में हिस्सा दिए जाने संबंधी उनकीमांग के निपटान तथा विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रमों के लिए सब्सिडी बनाए रखने कीमांग पर ध्यान नहीं देने को लेकर केंद्र की आलोचना की. मध्याह्न भोजन, आईसीडीएस, पुलिस आधुनिकीकरण, सर्वशिक्षा अभियान और जंगलमहल विकास कार्यक्रम जैसे सामाजिक क्षेत्र की कई योजनाओं के लिए केंद्रीय धन खत्म करने या उसमें बड़ी कटौती करने की आलोचना करते हुए उन्होंने इन परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण तत्काल बहाल करने की मांग की.
कर संग्रहण की तुलना में राज्यों की उनमें काफी कम हिस्सेदारी होने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यों को अपने विकास के लिए धनराशि अपने पास रखनी चाहिए. केंद्र पर पश्चिम बंगाल को बार-बार मांग के बावजूद विशेष वित्तीय पैकेज और विकास परियोजनाओं के लिए सब्सिडी से वंचित रखने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यदि मुझे धन नहीं मिलेगा तो मैं विकास परियोजनाओं को कैसे आगे बढाउंगी.” पिछली वाममोर्चा सरकार द्वारा छोड़े गएऋण के बोझ को उठाने में केंद्र की साझेदारी की अपनी मांग दोहराते हुए ममता ने कहा, ‘‘यदि आप इतना घटायेंगे तो राज्य कैसे विकास करेगा? इस सब के बावजूद कर्मचारियों के वेतन बकाया नहीं है. बडी धनराशि रुक जाने पर राज्य में विकास कार्य बाधित हो जाएगा.” उन्होंने कहा कि वैसे वित्तीय दबावों के बावजूद उनके राज्य ने बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल की है और अल्पसंख्यकों की कई परियोजनाओं में आवंटन बढाया है.