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बोलीं निरंजन ज्योति: असहिष्णुता पूर्व नियोजित मुद्दा था
कोलकाता. केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने गो हत्या पर प्रतिबंध लगाने को राज्य सरकार का ‘कर्तव्य’ बताते हुए कहा है कि इस देश में गाय के मांस के अलावा खाने की पर्याप्त चीजें हैं. गो हत्या और गोमांस के उपभोग के बारे में बात करते हुए ज्योति ने कहा कि ऐसी चीजें नहीं होनी […]
कोलकाता. केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने गो हत्या पर प्रतिबंध लगाने को राज्य सरकार का ‘कर्तव्य’ बताते हुए कहा है कि इस देश में गाय के मांस के अलावा खाने की पर्याप्त चीजें हैं. गो हत्या और गोमांस के उपभोग के बारे में बात करते हुए ज्योति ने कहा कि ऐसी चीजें नहीं होनी चाहिए. यदि आप हमसे सम्मान चाह रहे हैं तो आपको पहले हमारा सम्मान करना भी सीखना चाहिए. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में गो हत्या को प्रतिबंधित करना राज्य सरकारों का कर्तव्य है. पश्चिम बंगाल उन राज्यों में से एक है, जहां गो हत्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है.
ज्योति ने यह भी आरोप लगाया कि कथित असहिष्णुता का मुद्दा दरअसल बिहार चुनावों से पहले भाजपा की छवि खराब करने की पूर्व योजना के तहत उठाया गया था. यह पूर्व नियोजित था, तभी तो परिणाम आने के बाद आपको कोई विरोध-प्रदर्शन दिखाई नहीं दे रहा है. केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री ज्योति ने कहा कि बिहार चुनाव में जिन वोटों से मूल अंतर पड़ा़, वे तटस्थ वोट थे. मूल अंतर पांच से दस प्रतिशत के तटस्थ वोटों से आया. केंद्र में सत्ता में आने के बाद हमने कई राज्यों में जीत हासिल की है. मैं नीतीश कुमार जी को जीत के लिए अपनी शुभकामनाएं देती हूं.
असहिष्णुता’ के खिलाफ अपने पुरस्कारों लौटानेवाले लेखकों के मुद्दे पर ज्योति ने कहा कि लेखकों के प्रति मेरे दिल में बेहद सम्मान है लेकिन पुरस्कार लौटाये नहीं जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि पुरस्कार सिर्फ सम्मान का प्रतीक नहीं है. यह पूरे देश की ओर से दिया गया सम्मान है. यदि आप पुरस्कार लौटा रहे हैं तो आप पूरे देश का अपमान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि यह एक मुद्दे की वजह से है तो वह तो सिख दंगों और भागलपुर दंगों के दौरान भी था. राजनीति को इसमें नहीं लाया जाना चाहिए. इसमें (पुरस्कार लौटाने) में राजनीति हुई है. दादरी में पीट-पीट कर हत्या किया जाना उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार की कानून और व्यवस्था के विफल हो जाने का मामला था.
यह घटना नहीं होनी चाहिए थी. यह कानून-व्यवस्था का मामला है और यह राज्य का विषय है. यदि राज्य ने कार्रवाई की होती तो इस तरह की स्थिति नहीं बनती. कार्रवाई करने के बजाय, वे हमपर आरोप लगा रहे हैं. ज्योति ने उत्तर प्रदेश के मंत्री आजम खान के इस बयान की भी आलोचना की कि पेरिस हमले पश्चिम एशिया में पश्चिमी देशों की गतिविधियों का नतीजा है.
उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक है और आजम खान जैसे व्यक्ति की ओर से ऐसा बयान आना तो वाकई शर्मनाक है. लोकतंत्र में हर किसी को बोलने का अधिकार है लेकिन आपको इतना अधिक नहीं बोलना चाहिए कि दुनिया में देश की प्रतिष्ठा पर आंच आ जाये. जो लोग पाकिस्तान और आइएसआइएस के पक्ष में बोलते हैं, हमनें उनपर कड़ी नजर रखी है. लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय में कई लोग ऐसे हैं, जो वाकई अच्छे लोग हैं और देश के विकास के लिए काम कर रहे हैं. आतंकी कृत्य को अंजाम देने वाले किसी धर्म, जाति या पंथ के नहीं होते.
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