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फिक्की की बैठक में वित्त मंत्री अमित मित्रा ने किया दावा, हमारी जमीन अधिग्रहण नीति अपना रहे दूसरे
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र में ही कहा था कि वह उद्योग के लिए किसानों से जबरन जमीन अधिग्रहण नहीं करेगी और राज्य सरकार ने जमीन अधिग्रहण के संबंध में जो नीति बनायी है, इसमें सरकार ने जमीन अधिग्रहण का कार्य अपने दायरे में नहीं रखा है. पश्चिम […]
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र में ही कहा था कि वह उद्योग के लिए किसानों से जबरन जमीन अधिग्रहण नहीं करेगी और राज्य सरकार ने जमीन अधिग्रहण के संबंध में जो नीति बनायी है, इसमें सरकार ने जमीन अधिग्रहण का कार्य अपने दायरे में नहीं रखा है. पश्चिम बंगाल सरकार के इस जमीन अधिग्रहण नीति को अब अन्य राज्यों ने भी अपनाना शुरू कर दिया है. ये बातें राज्य के िवत्त मंत्री अमित मित्रा ने कहीं.
जमीन अधिग्रहण की समस्या सिर्फ बंगाल में नहीं है, बल्कि अन्य राज्यों में भी है. ममता बनर्जी की नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार ने साफ ताैर पर कहा है कि किसानों से जबरन जमीन अधिग्रहण नहीं किया जायेगा. डॉ मित्रा ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के नोएडा में जमीन अधिग्रहण को लेकर समस्या पैदा हुई थी. अब उत्तर प्रदेश सरकार भी बंगाल सरकार के नक्शे कदम पर चलने जा रही है.
उन्होंने एक बार फिर उद्योगपतियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि बंगाल में उद्योग लगाने के लिए जमीन की समस्या नहीं है. राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अंतर्गत 11000 एकड़ जमीन है, जिसे बहुत जल्द औद्योगिक प्रयोग के लिए दिया जायेगा. इसके साथ ही राज्य सरकार लैंड बैंक का लगातार विस्तार कर रही है और अगले कुछ महीने में ही राज्य सरकार के अधीनस्थ लगभग एक लाख एकड़ जमीन होगी, जिसे उद्योग लगाने के लिए दिया जायेगा. पिछले चार वर्षों में राज्य सरकार की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने पिछले चार वर्ष में यहां सभी मानदंडों पर खरा उतरी है, यहां प्रति व्यक्ति आमदनी, योजना खर्च, पूंजी खर्च में बढ़ोतरी हुई है.
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