कोलकाता. विदेश मंत्री की ओर से लगातार असैद्धांतिक कार्यों एवं संविधान के उल्लंघन के खिलाफ कोलकाता की वूमेन रेसिडेंस कमिटी ने अपना विरोध दर्ज कराया है. वूमेन रसिडेंस कमिटी की अध्यक्ष नाजिया इलाही खान ने इस संबंध में गत 14 अक्तूबर को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को एक ज्ञापन दिया था.
इसी क्रम में यह ज्ञापन प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति एवं पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को भी दिया गया था. इस मामले में पिछले दिनों नाजिया इलाही खान को राष्ट्रपति भवन से स्वीकृति पत्र आया है, जिसमें बताया गया है कि उनके ज्ञापन को प्रधानमंत्री के पास भेजा दिया गया है.
राष्ट्रपति भवन से सचिव पुरुषोत्तम दास द्वारा यह स्वीकृति पत्र संख्या 18/10/ प(I)/2015 तिथि 21 अक्तूबर 2015 को उनके पास भेजा गया है. ज्ञापन में एडवोकेट नाजिया इलाही खान ने कहा था कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने पद और अधिकार का दुरुपयोग किया है तथा विदेशों में स्थापित भारत के उच्च आयोगों और दूतावासों को मनमाना उपयोग किया है.
ललित मोदी के मामले में उनका हस्तक्षेप इस असंवैधानिक कार्य, पद एवं अधिकार का अवैध उपयोग का नवीनतम उदाहरण है. यह कार्य करके उन्होंने विदेश मंत्री के रूप में पद और गोपनीयता का जो शपथ लिया था, उसे तोड़ दिया है, इस मामले में विपक्षी दलों विशेषकर कांग्रेस ने उन्हें पद से इस्तीफा देने की मांग की थी. राष्ट्रपति से इस मामले में हस्तक्षेप करने और देश में संविधान का शासन बनाये रखने की अपील की थी.