कोलकाता: किसी भी घटना में आरोपी या पीड़ित का अगर महानगर के पोर्ट इलाके से कनेक्शन जुड़ जाता है तो कोलकाता पुलिस उस मामले को सुलझाने में फिसड्डी साबित होने लगती है.
कुछ दिन पहले गार्डेनरीच इलाके में एसआइ पर गोलीबारी के मामले में आरोपी मोहम्मद इकबाल उर्फ मुन्ना को गिरफ्तार करने की बात करें तो घटना के कुछ दिन तक इलाके में रहने के बावजूद उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका था. बाद में कोलकाता पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद बिहार से मुन्ना को गिरफ्तार किया था. ठीक इसी तरह बड़ाबाजार इलाके से एक युवक के अपहरण की घटना का तार महानगर के पोर्ट इलाके से जुड़ने के बाद से मामले में भी कोलकाता पुलिस की टीम के हाथ बौना साबित हो रहे हैं. घटना के 72 घंटे बीतने के बावजूद अब तक अपहृत युवक मोहम्मद काशिफ रजा (21) का कोई सुराग नहीं मिल सका है. सूत्रों की माने तो घटना के बाद काशिफ ने फोन पर मटियाबुर्ज इलाके में बंधक बनाये जाने की जानकारी दी थी.
उसके बाद से उसका कोई पता नहीं है. न ही अपहरकर्ताओं का कोई फोन काशिफ के परिवारवालों के पास आया है. वहीं वाटगंज इलाके में एक रेस्तरां के पास से गुरुवार सुबह काशिफ की कार पुलिस को मिली. डीसी (सेंट्रल) डीपी सिंह ने बताया कि काफी देर से एक होंडा सीवीआर कार खड़ी रहने की जानकारी उन्हें मिली.
जांच करने पर यह कार काशिफ का होने का पता चला. वहां से उस कार को जब्त कर लिया गया है, लेकिन काशिफ कहां है इसका कोई सुराग नहीं लग सका है. काशिफ पुरानी गाड़ियों को बेचने-खरीदने का धंधे से जुड़ा था. पुलिस के मुताबिक एक वर्ष पहले भी काशिफ घर से लापता हो गया था. तब उसे दूसरे राज्य से लाया गया था. उसने शादी कर ली थी. पुलिस को संदेह है कि कहीं इस बार भी वह कोई नाटक तो नहीं कर रहा.