कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने गुरुवार को कहा कि ‘बढ़ती असहिष्णुता’ के खिलाफ विभिन्न लेखकों द्वारा साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने के पीछे ‘एक तरह की राजनीतिक मंशा’ प्रतीत होती है. राज्यपाल ने यहां संवाददाताओं से कहा : सम्मान लौटाना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन इससे एक सवाल पैदा होता है कि क्या लोगों का कोई ऐसा छोटा समूह है, जो इन सम्मानों को लौटाने के लिए लॉबिंग कर रहा है. यह देखना होगा कि ऐसा क्यों हो रहा.
उन्होंने पूछा : उस दिन जब उन्होंने सम्मान हासिल किये और उस दिन जब उन्होंने सम्मान लौटाये, के बीच की अवधि में देश में बहुत-सी घटनाएं हो चुकी हैं. तब इनमें से किसी घटना ने उन्हें पुरस्कार लौटाने के लिए क्यों नहीं आंदोलित किया? और अब क्यों?’ श्री त्रिपाठी ने कहा कि लोगों को उनकी (जिन लेखकोंं ने पुरस्कार लौटाए हैं) राजनीतिक मंशा और राजनीतिक संबंधों के बारे में जानने दीजिए. लोग निर्णय करेंगे. उन्होंने कहा : इन लोगों ने तब सम्मान क्यों नहीं लौटाये, जब दिल्ली में निर्भया कांड हुआ और जब उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर दंगे हुए? वे अब अचानक से कैसे जाग उठे हैं? इसके पीछे कोई राजनीतिक मंशा नजर आती है.
नयनतारा सहगल और अशोक वाजपेयी सहित कई लेखक अपने अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा कर चुके हैं. उनका कहना है कि उन्होंने ऐसा बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ किया है.