आयुक्त से मुलाकात के बाद माकपा नेता रॉबिन देव संवाददाताओं से बातचीत के दौरान यह आरोप लगाया कि चुनाव के पहले ही विधाननगर, आसनसोल और सिलीगुड़ी में वामपंथी नेताओं व कार्यकर्ताओं को धमकाने व उन पर दबाव बनाने का सिलसिला शुरू हो गया है. कथित तौर पर कांदी में तृणमूल कांग्रेस के जुलूस में कार्यकर्ता हाथों में पिस्तौल लेकर जश्न मनाते दिखे. ऐसा करना लोगों को भयभीत करना ही तो है.
राज्य चुनाव आयोग से मांग की गयी है कि अक्तूबर महीने में होने वाला मतदान निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से हो. मतदान के दौरान सुरक्षा की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए. हर पोलिंग बूथों में सशस्त्र पुलिस की तैनाती की मांग की गयी है. वाममोरचा द्वारा उपरोक्त मांगें पहले भी आयोग से किये जाने के प्रश्न पर देव ने हामी भरते हुए कहा कि उपरोक्त मांगें पहले भी की गयी थीं, इसके बावजूद वामपंथी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर दबाव बनाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आरोप के मुताबिक सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस विपक्षी दलों को दबाने की कोशिश कर रही है. अगस्त महीने में हुए नवान्न अभियान और दो सितंबर को देशव्यापी हड़ताल का राज्य में व्यापक असर से अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोग वामपंथी आंदोलन को पूरी तरह से समर्थन कर रहे हैं.