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तीन सितंबर की टैक्सी हड़ताल वापस लिये जाने की संभावना आज एटक, सीटू व बीटीए की बैठक

कोलकाता. राज्य सरकार के खिलाफ विभिन्न टैक्सी संगठन फिर से एकजुट हो गये हैं. विभिन्न मांगों के समर्थन में मंगलवार की दोपहर एटक कार्यालय में एटक, सीटू व बीटीए से जुड़े टैक्सी संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक होगी. इस बैठक में सितंबर माह में एकजुट होकर सरकार की परिवहन श्रमिक विरोधी नीति के खिलाफ 24 […]

कोलकाता. राज्य सरकार के खिलाफ विभिन्न टैक्सी संगठन फिर से एकजुट हो गये हैं. विभिन्न मांगों के समर्थन में मंगलवार की दोपहर एटक कार्यालय में एटक, सीटू व बीटीए से जुड़े टैक्सी संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक होगी. इस बैठक में सितंबर माह में एकजुट होकर सरकार की परिवहन श्रमिक विरोधी नीति के खिलाफ 24 घंटे या 48 घंटे की हड़ताल बुलाने का निर्णय लिया जा सकता है, जबकि बीटीए एक कदम पीछे हटते हुए तीन सितंबर की टैक्सी हड़ताल को वापस ले सकती है.

एटक के वरिष्ठ परिवहन श्रमिक नेता नवल किशोर श्रीवास्तव ने बताया कि वे लोग अपनी नीतियों व सिद्धांत से कोई समझौता नहीं करेंगे, लेकिन राज्य सरकार जिस तरह से टैक्सी चालकों के खिलाफ मनमाना रवैया अपना रही है. रिसोल टायर के नाम पर मामला किये जा रहे हैं. वेटिंग शुल्क नहीं बढाया जा रहा है. उन लोगों पर किये गये मामले वापस नहीं लिये जा रहे हैं.

ओला, मेरू व उबेर जैसी गाड़ियों का पंजीकरण किया जा रहा है. ऐसी में टैक्सी उद्योग का भविष्य में खतरा में पड़ गया है. सरकार की नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने को लेकर मंगलवार की बैठक में चर्चा होगी. इसमें 24 घंटे से लेकर 48 घंटे तक टैक्सी हड़ताल हो सकता है. सीटू के नेता अनादि साहू ने बताया कि तीनों संगठन ने आपसी सहमति से विभिन्न मांगों पर चर्चा कर एकजुट होकर आंदोलन की रणनीति तय करने के लिए यह बैठक बुलायी है. उन्होंने कहा कि टैक्सी चालकों के खिलाफ राज्य सरकार का दमनात्मक रवैया जारी है. टैक्सी चालकों के लिए पार्किंग की व्यवस्था नहीं है और न ही उन लोगों पर किये गये झूठे मामले वापस लिये गये हैं. ऐसी स्थिति में वे लोग आंदोलन के लिए बाध्य हैं.

दूसरी ओर, बीटीए के महासचिव विमल गुहा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को परिवहन भवन में जाकर राज्य के परिवहन सचिव अलापन बंद्योपाध्याय के साथ बैठक की. बैठक के बाद श्री गुहा ने कहा कि पब्लिक वेहिक्लस विभाग के निदेशक को जब तक उनके पद से नहीं हटाया जाता है. वे लोग सरकार के साथ कोई सहयोग नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि ड्राइवर लाइसेंस की परीक्षा को ऑनलाइन कर दिया गया है. ऐसी स्थिति में अप्रैल से ड्राइवरों को लाइसेंस मिलना बंद हो गया है, क्योंकि ड्राइवर पेशे में आने वाले लोग इतने शिक्षित नहीं होते हैं कि उन्हें ऑनलाइन टेस्ट देने के लिए कंप्यूटर का ज्ञान हो. इससे भविष्य में ड्राइवर मिलना बंद हो जायेगा.

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