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हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश और वकील आमने-सामने
हाइकोर्ट में काम बंद करने का मामला कोलकाता : हाइकोर्ट में काम बंद के मामले में एक बार फिर से कलकत्ता हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश और वकीलों का विरोध देखने को मिला हैं. कलकत्ता हाइकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश समीर मुखर्जी के निधन पर मंगलवार को सुबह 10.30 बजे से ही काम बंद करने का फैसला […]
हाइकोर्ट में काम बंद करने का मामला
कोलकाता : हाइकोर्ट में काम बंद के मामले में एक बार फिर से कलकत्ता हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश और वकीलों का विरोध देखने को मिला हैं. कलकत्ता हाइकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश समीर मुखर्जी के निधन पर मंगलवार को सुबह 10.30 बजे से ही काम बंद करने का फैसला बार एसोसिएशन ने किया.
इस संबंध में मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर को सुबह 10.45 बजे बार एसोसिएशन ने अपना रिजोल्यूशन भेजा. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि 1990 में बार एसोसिएशन ने प्रस्ताव पारित किया था कि किसी के निधन पर दोपहर 3.30 बजे से काम बंद किया जायेगा, लेकिन उस प्रस्ताव को अब एसोसिएशन नहीं मान रहा.
मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा कि सभी न्यायाधीश सुबह 10.30 बजे से अदालत में बैठ गये हैं और प्रस्ताव सुबह 10.45 बजे आ रहा है. वह इस प्रस्ताव का समर्थन नहीं कर सकती. न्यायाधीश अदालत में अपनी सीट पर रहेंगे. यदि वकील अदालत में मामले की सुनवाई के लिए नहीं आते तो न आयें. आखिर में न्यायाधीशों के अदालत में बैठने पर भी वकील उपस्थित नहीं हुए. मंगलवार को कलकत्ता हाइकोर्ट काम न के बराबर हुआ.
पिछले कुछ महीने से कलकत्ता हाइकोर्ट में कार्य संस्कृति को लौटाने के लिए मुख्य न्यायाधीश ने काफी कोशिशें की हैं. इससे पहले मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि मद्रास व बंबई हाइकोर्ट के न्यायाधीश यह सुनकर आश्चर्यचकित हो जाते हैं कि कलकत्ता हाइकोर्ट में सुबह 10.30 बजे कई बार काम बंद हो जाता है.
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