कोर्ट में उनके वकीलों ने दलील दी कि प्रसून बनर्जी सांसद होने के साथ अजरुन अवार्ड सम्मानित है. उन्होंने अनिच्छा कृत तरीके से घटना को किया था. कोर्ट में उन्होंने आत्मसमर्पण किया है, उन्हें जमानत दिया जाएं. इस मौके पर न्यायधीश अपूर्व घोष ने सरकारी वकील का पक्ष जनाना चाहा. सरकारी वकील सबीर अली ने कहा कि कोर्ट में पेश न होने के लिए उनके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था, उन्होंने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया है. श्री बनर्जी को जमानत देने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. सरकारी वकील की ओर से इस दलील के बाद न्यायधीश अपूर्व घोष ने दो हजार रुपये के व्यक्तिगत मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी. जमानत मिलने के बाद प्रसून बनर्जी ने कहा कि वह कानून के रक्षक है. उन्हें देश के कानून में विश्वास है.
उन्होंने कहा कि कानून कानून के तहत काम करेगा. उन्होंने ड्यूटीरत ट्रैफिक कांस्टेबल को थप्पड़ मारने के सवाल के बारे में कहा कि मामला विचाराधीन है. कोर्ट इस पर विचार करेगी. गौरतलब है कि जनवरी महीने में गलत तरीके से लेकटाउन वीआइपी रोड क्रासिंग पर कार ले जाने पर सांसद की गाड़ी को ड्यूटीरत ट्रैफिक कांस्टेबल ने रोक दिया था.