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बंगाल में प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं : कोर्ट
अवैध ईंट-भट्टे को लेकर हाइकोर्ट ने जतायी नाराजगी कोलकता : राज्य में कितने अवैध ईंट भट्ठे हैं, पश्चिम बंगाल सरकार के पास इसका कोई आंकड़ा नहीं है. शुक्रवार को हाइकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की डिवीजन बेंच पर मामले की सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने कहा कि बंगाल में प्रशासन नाम […]
अवैध ईंट-भट्टे को लेकर हाइकोर्ट ने जतायी नाराजगी
कोलकता : राज्य में कितने अवैध ईंट भट्ठे हैं, पश्चिम बंगाल सरकार के पास इसका कोई आंकड़ा नहीं है. शुक्रवार को हाइकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की डिवीजन बेंच पर मामले की सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने कहा कि बंगाल में प्रशासन नाम का कोई चीज नहीं है.
अवैध ईंट भट्ठों को बंद करने के लिए हाइकोर्ट ने बंद करने का नोटिस दिया है, लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार ने इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की है. यहां तक कि राज्य में कितने अवैध ईंट भट्ठे हैं, इसकी जानकारी भी राज्य के पास नहीं है. इस संबंध में मुख्य न्यायाधीश ने 10 जुलाई के अंदर सभी जिलों में स्थित अवैध ईंट भट्ठों के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है और साथ ही इन अवैध ईंट भट्ठों के खिलाफ राज्य सरकार ने क्या कार्रवाई की है, इसकी जानकारी भी रिपोर्ट में देनी होगी. गौरतलब है कि वर्ष 2012 में हाइकोर्ट ने राज्य के भूमि व भूमि सुधार विभाग के उप सचिव को ईंट भट्ठों की स्क्रिनिंग कमेटी गठन करने का निर्देश दिया था.
इस संबंध में मालदा व जलपाइगुड़ी जिले में स्थित अवैध ईंट भट्ठा की जानकारी के लिए सूचना का अधिकार पद्धति से मामला किया था, इसके बाद मालदा जिले के लिए स्क्रिनिंग कमेटी बनी थी और वहां करीब 126 अवैध ईंट भट्ठे पाये गये, लेकिन जलपाइगुड़ी जिले के लिए कोई कमेटी नहीं बनी. शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश ने 10 जुलाई के अंदर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.
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