कोलकाता: रैगिंग में दोषी पाये जाने वाले यादवपुर विश्वविद्यालय के दो छात्रों का निलंबन वापस लेने और नयी जांच कमेटी बनाने की मांग को लेकर छात्रों के एक गुट ने कुलपति (वीसी) सौभिक भट्टाचार्य, उपकुलपति सिद्धार्थ दत्ता और रजिस्ट्रार को विवि परिसर में बंधक बना लिया. छात्र बुधवार शाम से इनका घेराव कर रहे हैं. कई दौर की बातचीत के बाद भी गुरुवार देर रात 33 घंटे बीत जाने के बावजूद छात्र अपनी मांग से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं. खबर देने तक घेराव जारी था. इस बीच, उपकुलपति की तबीयत भी खराब हो गयी. लेकिन छात्रों ने घेराव नहीं हटाया.
विश्वविद्यालय प्रबंधन ने साफ कर दिया है कि निलंबन वापस नहीं होगा. छात्र अपनी मांग राज्यपाल के पास रख सकते हैं. इस बारे में राज्यपाल ही फैसला ले सकते हैं. राज्यपाल के फैसले तक निलंबन स्थगित किया जा सकता है.
प्रो वीसी की बिगड़ी तबीयत
लंबे समय तक घेराव की वजह से प्रो वीसी (उपकुलपति) सिद्धार्थ दत्ता की तबीयत गुरुवार शाम बिगड़ गयी. कार्यालय में ही चिकित्सकों को बुलाया गया. डॉक्टरों ने उन्हें तीन दिन तक आराम करने की सलाह दी है. वीसी व रजिस्ट्रार के भी चिकित्सा जांच की गयी. कुलपति को रक्तचाप की शिकायत है. इन सबके बावजूद छात्रों ने घेराव नहीं हटाया.
क्या है मामला
10 सितंबर को रैगिंग के आरोप में यादवपुर विश्वविद्यालय के प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी विभाग के चौथे वर्ष के छात्र अनुपम घोष को दो सेमेस्टर और सिविल इंजीनियरिंग विभाग के चौथे वर्ष के छात्र मानिक हालदार को एक सेमेस्टर के लिए निलंबित कर दिया गया. इन्हें हॉस्टल से भी निकाल दिया गया. मुर्शिदाबाद के रहने वाले द्वितीय वर्ष के एक छात्र ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के एंटी रैगिंग सेल में रैगिंग की शिकायत की थी. इसके बाद यादवपुर विश्वविद्यालय ने एक जांच कमेटी बनायी, जिसने आरोपी दोनों छात्रों को दोषी पाया. इसी आधार पर उन्हें निलंबित कर दिया गया. पीड़ित छात्र ने 2011 में रैगिंग से परेशान होकर विश्वविद्यालय छोड़ दिया था. विश्वविद्यालय की तरफ से आश्वासन दिये जाने पर 2012 में उसने पुन: प्रवेश लिया था. पीड़ित के लगाये आरोप के अनुसार पिछले तीन सप्ताह से लगातार चौथे वर्ष के छात्र उससे रैगिंग कर रहे थे.
छात्रों का कहना है
फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी स्टूडेंट्स यूनियन (फेटसू) के महासचिव सौभिक मुखोपाध्याय ने कहा कि सॉल्टलेक कैंपस के हॉस्टल में रैगिंग नहीं हुई थी. दोनों निदरेष छात्रों पर गलत आरोप लगाया गया है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देश पर यादवपुर यूनिवर्सिटी की जांच कमेटी ने आनन-फानन में आरोपी छात्रों का पक्ष सुने बिना रिपोर्ट पेश की, जिसके आधार पर दोनों छात्रों को निलंबित कर दिया गया. फेटसू नयी जांच कमेटी बनाने की मांग की है. गुरुवार को दूसरे हाफ से फेटसू के सदस्यों ने कक्षाओं का बहिष्कार करना शुरू कर दिया.
फैसला नहीं बदलेगा : विवि
छात्रों की मांग के बारे में पूछे जाने पर प्रो वीसी सिद्धार्थ दत्ता ने कहा कि दोषी छात्रों को दी गयी सजा वापस लेने का प्रश्न ही नहीं है. यूजीसी के निर्देश पर एंटी रैगिंग कमेटी ने जांच की जिसकी रिपोर्ट के आधार पर आरोपी छात्रों के खिलाफ अनुशासन की कार्रवाई की गयी है. अब दोषी छात्रों को दी गयी सजा वापस लेने या पुन: जांच कमेटी बनाने का अधिकार विश्वविद्यालय के हाथ में नहीं है. छात्र सजा वापसी के लिए विवि कुलाधिपति (चांसलर) एमके नारायणन के पास जा सकते हैं.