कोलकाता. एसोसिएशन ऑफ माइक्रो फाइनांस इंस्टीट्यूशन, वेस्ट बंगाल (एएमएफआइ) की ओर से कोलकाता में बैंकिंग सम्मिट 2015 का आयोजन किया गया. सम्मेलन में विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. सम्मेलन में वित्त विभाग के निदेशक (ट्रेजरी एंड एकाउंट्स) व सचिव परवेज अहमद सिद्दिकी, आरबीआइ कोलकाता के क्षेत्रीय निदेशक रूद्र नारायण कर, नाबार्ड के सीजीएम टी एस रजी गेन, यूबीआइ के सीएमडी पी श्रीनावास, यूको बैंक के सीएमडी अरूण कौल, विलेज फाइनांसियल सर्विसेज के संस्थापक व चेयरमैन अजीत कुमार माइती, बंधन के प्रबंध निदेशक चंद्रा शेखर घोष, उज्जिवन माइक्रोफाइनांस के संस्था व प्रबंध निदेशक समित घोष, वीएफएस के प्रबंध निदेशक व सीइओ कुलदीप माइती, आरोहन के संस्थापक व सीइओ शुभंकर सेनगुप्ता, सा धन के चेयरमेन जगदानंद, एमएफआइएन के सीइओ आलोक प्रसाद व आइडीएफसी के एमडी अशोक कुमार मुख्य वक्ता थे. सम्मेलन में मुद्रा बैंक की चुनौतियों व संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की गयी. सम्मेलन में खास तौर पर देश के पूर्वोत्तर राज्यों पश्चिम बंगाल, बिहार व असम में माइक्रो फाइनांस कंपनियों के लिए अच्छा स्कोप है, ये बातें उभर कर आयीं. वीएफएस के प्रबंध निदेशक कुलदीप माइती ने कहा कि पश्चिम बंगाल और पूर्वी क्षेत्र में मांग और सप्लाई में क्रेडिट फ्लो के मामले में काफी गैप है.
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बैंकिंग सम्मिट में मुद्रा बैंक की चुनौतियों पर हुई चर्चा
कोलकाता. एसोसिएशन ऑफ माइक्रो फाइनांस इंस्टीट्यूशन, वेस्ट बंगाल (एएमएफआइ) की ओर से कोलकाता में बैंकिंग सम्मिट 2015 का आयोजन किया गया. सम्मेलन में विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. सम्मेलन में वित्त विभाग के निदेशक (ट्रेजरी एंड एकाउंट्स) व सचिव परवेज अहमद सिद्दिकी, आरबीआइ कोलकाता के क्षेत्रीय निदेशक रूद्र नारायण कर, नाबार्ड के सीजीएम […]
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