कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंसा को राजनीतिक संघर्ष के औजार के रुप में इस्तेमाल करने के रुझान की गुरुवार को निंदा करते हुए कहा कि राजनीतिक रूप से तृणमूल कांग्रेस की चुनौतियों का सामना करने में विफलता के बाद अब असामाजिक तत्वों को गोलबंद किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि साजिश के तहत सात्ताेर गांव में हिंसा का माहौल बनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की यह टिप्पणी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा के बुधवार के एक बयान के बाद आयी है.
भाजपा ने पुलिस पर लगाया था तृणमूल का पक्ष लेने का आरोप
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने कहा था कि बीरभूम जिले के पारुई और सात्ताेर में सहित अनेक हिस्सों में हिंसा की पुनरावृत्ति ने पुलिस की मदद से तृणमूल समर्थित गुंडों के हमलों का जवाब देने के लिए हमारे कार्यकर्ताओं को हथियार उठाने के लिए बाध्य कर दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब को समझना चाहिए कि असामाजिक तत्व कोई धरोहर नहीं हैं. जब वे लोकतांत्रिक रूप से संघर्ष नहीं कर पाते हैं, तो वे इस तरह के असामाजिक तत्वों की मदद लेते हैं. वे बम और बंदूक का इस्तेमाल करते हैं. यह राजनीति करने का उचित तरीका नहीं है. हमें शांतिपूर्ण तरीके से चीजें हासिल करनी चाहिए. ममता ने यह भी इंगित किया कि जो लोकतंत्र के खिलाफ होते हैं और लोकतांत्रिक अधिकारों का सम्मान नहीं करते, वे ही गुंडों की सहायता लेते हैं.
गौरतलब है कि उत्तर 24 परगना जिले की प्रशासनिक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने जिले में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता जतायी. जिले में पिछले तीन महीने में 100 से भी अधिक हत्याएं हुई हैं और ज्यादातर मामलों में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया. मुख्यमंत्री ने यहां कानून व्यवस्था को बेहतर करने के सख्त निर्देश दिये हैं.