उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि केंद्रीय बलों की उपलब्धता के संबंध में राज्य सरकार ने कहा है कि वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किसी कंपनी को भेजना संभव नहीं होगा. उन्होंने कहा कि राज्य में केंद्रीय बलों की कुल 48 कंपनियां हैं, जिनमें से 40 वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं और बाकी दाजिर्लिंग की पहाड़ियों में तैनात हैं. श्री उपाध्याय के अनुसार गृह सचिव बासुदेव बनर्जी ने बताया कि राज्य सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि क्या दाजिर्लिंग से कुछ कंपनियां चुनावों में तैनात की जा सकती हैं या नहीं.
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निकाय चुनाव: दाजिर्लिंग से आयेंगे सुरक्षा बल!
कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग ने शनिवार को राज्य में निकाय चुनावों के लिए सुरक्षा बलों को तैनात करने की योजना पर चर्चा की. बैठक करीब एक घंटे तक चली, जिसमें गृह सचिव बासुदेव बनर्जी, कोलकाता के पुलिस आयुक्त सुरजीत कर पुरकायस्थ और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया. […]
कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग ने शनिवार को राज्य में निकाय चुनावों के लिए सुरक्षा बलों को तैनात करने की योजना पर चर्चा की. बैठक करीब एक घंटे तक चली, जिसमें गृह सचिव बासुदेव बनर्जी, कोलकाता के पुलिस आयुक्त सुरजीत कर पुरकायस्थ और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.
बैठक के बाद राज्य निर्वाचन आयुक्त एस आर उपाध्याय ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जंगलमहल क्षेत्र से केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों को हटाना संभव नहीं है. इससे चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था और भी खराब हो सकती है, क्योंकि जंगलमहल क्षेत्र में अभी भी माओवादियों के मौजूदगी की खबर मिली है. शनिवार को छत्तीसगढ़ में माओवादियों ने एक बड़ी घटना को अंजाम दिया और अब वह छिपने के लिए अन्य राज्यों में भागने की तैयारी में है.
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