कोलकाता: आयुध निर्माणी दिवस बुधवार को मनाया गया. इस उपलक्ष में शहीद खुदीराम बोस रोड स्थित आयुध भवन में कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता आयुध निर्माणियों के महानिदेशक और आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) के अध्यक्ष सोमेंद्र यमदग्नि ने की, जबकि मौके पर आयुध निर्माणियां (ओर्डनेंस फैक्टरी) के अन्य पदाधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे. कार्यक्रम अपराह्न ढाई बजे शुरू हुआ. इस मौके पर बेहतर सेवा व अन्य कार्यो के लिए पदाधिकारियों व कर्मचारियों को अवार्ड भी दिये गये.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आयुध निर्माणियां के महानिदेशक और आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) के अध्यक्ष सोमेंद्र यमदग्नि ने संगठन के सभी पदाधिकारियों व कर्मचारियों को अपनी शुभकामनाएं दीं और कहा कि 18 मार्च को ही संगठन की पहली फैक्टरी की स्थापना हुई थी. बुधवार को 214वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है. लगभग 200 से भी ज्यादा वर्षो का गौरवमय इतिहास रहा है. यह संगठन से जुड़े सभी लोगों के लिए गौरव की बात है. रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आयुध निर्माणियां प्रोद्योगिकी क्षमताओं में विशिष्टता लाने की ओर अग्रसर है. आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) केवल सशस्त्र सेना के लिए ही नहीं, बल्कि राज्यों की पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के लिए भी हथियार और गोला बारूद्ध (आर्म्स एंड एम्यूनिशन) की आपूर्ति करती है.
आयुध निर्माणियां बोर्ड के कोलकाता हेडक्वार्टर के अंतर्गत 41 फैक्टरियां, लगभग नौ प्रशिक्षण केंद्र एवं तीन आंचलिक मार्केटिंग सेंटर हैं. उपलब्धियों के बारे में जिक्र करते हुए सोमेंद्र यमदग्नि ने बताया कि ओएफबी ने पांच वर्षो में लगभग 18,000 करोड़ रुपये के गोला-बारूद की आपूर्ति की है. केवल गोला-बारूद एवं विस्फोटक ग्रुप के अलावा हार्डवेयर के विनिर्माण हेतु भी ओएफबी ने व्यापक प्रसार की योजना बनायी है. ओएफबी में 125 एमएम एफएसएपीडीएस टैंक एम्यूनिशन के विनिर्माण हेतु क्षमता भी तैयार की जा रही है. थल सेना की निरंतर मांग के अनुसार पिनाका राकेट के लिए प्रसार योजना पहले से जारी है. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अन्य भावी योजनाओं के बारे में भी अवगत कराया. साथ ही अपने वक्तव्य की समाप्ति कविता सुना कर की.