केरल व गोवा जैसी यहां मिलेंगी सैलानियों को तमाम सुविधाएं
कोलकाता : पश्चिम बंगाल भी जल्द गोवा व केरल की तालिका में शामिल होने जा रहा है. यहां भी वहां की तरह पर्यटकों को परिसेवाओं की एक न्यूनतम स्टैंडर्ड की गारंटी उपलब्ध कराने के लिए एक कानून बनाया जायेगा.
प्रस्तावित पश्चिम बंगाल पर्यटन (सेवाओं के नियमन) विधेयक को मानसून सत्र या आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा में पेश किये जाने की संभावना है. इस विधेयक में विशेष रूप से घटिया टूर एजेंसियों व होटलों पर नजर रखी जायेगा, जिनके कारण बंगाल की छवि खराब हो रही है.
यह विधेयक टूर ऑपरेटरों को पर्यटकों के ठहरने व अन्य मामलों में स्टैंडर्ड परिसेवा प्रदान करने के लिए बाध्य करेगा. इसमें पर्यटकों को शिकायतें दर्ज कराने व उन पर सुनवाई करना अनिवार्य होगा. प्रशासन व परिसेवा प्रदान करनेवाले दोनों को पर्यटकों की शिकायतों पर समान रूप से ध्यान देना होगा.
इसके साथ ही होटलवालों व टूर एजेंसियों को पर्यटकों के संबंध में सरकार को अनिवार्य रूप से जानकारी उपलब्ध करानी होगी. फिलहाल केवल गोवा व केरल में ही पर्यटकों की सुविधा के लिए कानून बनाया गया है.
वर्तमान में पश्चिम बंगाल में 2,050 टूर एजेंसियों ने तीन निजी पर्यटन संस्थानों में खुद को पंजीकृत करवाया है. विधेयक के पास होने पर टूर एजेंसियों व होटलों को पर्यटकों के बारे में प्रत्येक महीने एक रिपोर्ट पर्यटन विभाग को भेजना होगा.