कोलकाता: नेताजी सुभाष चंद्र बोस कैंसर रिसर्च इंस्टीटय़ूट (एनसीआरआइ) व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की प्रदेश शाखा के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को विश्व गॉल ब्लाडर (पित्ताशय थैली) दिवस मनाया गया है. इस मौके पर पार्क सर्कस स्थित आइएमए के कार्यालय में एक सेमिनार का आयोजन किया गया था.
सेमिनार में आइएमए के राज्य अध्यक्ष व विधायक डॉ निर्मल मांझी ने बताया कि राज्य में कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. खाने के बदलते तौर-तरीके, मोटापा व प्रदूषण के कारण भारत में पित्ताशय थैली के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. भारत में लगभग एक लाख लोगों में से दो व्यक्ति उक्त रोग से पीड़ित हैं. बंगाल के लगभग 6.2 फीसदी लोग पित्ताशय कैंसर की चपेट में हैं. बंगाल में 91 मिलियन लोग कैंसर की चपेट में हैं. इनमें से दो लाख 41 हजार लोगों के कैंसर की पहचान कर ली गयी है.
डॉ मांझी ने बताया कि उक्त आंकड़ों को देखते हुए राज्य में कैंसर के इलाज व इसके रिसर्च पर विशेष जोर दिया जा रहा है. उत्तर बंगाल के तर्ज पर दक्षिण बंगाल में भी कैंसर के प्रत्येक मरीज को किमो थैरेपी के लिए बहुत जल्द एक-एक लाख रुपये अनुदान स्वरूप दिया जायेगा. राज्य के प्रत्येक कैंसर पीड़ित मरीज को इलाज के लिए मुख्यमंत्री फंड से 60 से 70 हजार व स्वास्थ्य दफ्तर की ओर से 30 से 40 हजार रुपये दिये जा रहे हैं.
एसएसकेएम, एनआरएस, नेशनल मेडिकल कॉलेज, आरजी कर व बांकुड़ा मेडिकल कॉलेज में कैंसर के रिसर्च पर विशेष जोर दिया जा रहा है. ब्राइटोनेम शेशा विश्वविद्यालय एंड हॉस्पिटल व ब्रिटिश कैसर एसोसिएशन राज्य में कैसर के रिसर्च व मरीजों के लिए कार्य करने को इच्छुक हैं. उनके एक प्रतिनिधि डॉ एस मित्र यहां पहुंचे हैं. उन्होंने शनिवार को हावड़ा के आमता अस्पताल का दौरा भी किया. सेमिनार में आइएमए के राज्य सचिव डॉ शांतनु सेन, डायरेक्टर ऑफ मेडिकल एसोसिएशन प्रोफेसर डॉ सुशांत बंद्योपाध्याय आदि उपस्थित थे.
कैंसर पीड़ितों के लिए लगेगा कैंप
राज्य में कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की ओर से एक विशेष पहल की गयी है. आइएमए की राज्य में लगभग 162 शाखाओं के सहयोग से विभिन्न जिलों में कैंप लगाया जायेगा. इसके जरिये आइएमए के चिकित्सक डॉक्टरों की नि:शुल्क जांच करेंगे. यह जानकारी आइएमए के राज्य सचिव डॉ शांतनु सेन ने दी है.
वह शनिवार को विश्व गॉल ब्लाडर (पित्ताशय थैली) कैंसर दिवस पर आयोजित एक सेमिनार को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने बताया कि उक्त कैंपों में जांच के दौरान जिनकी रिपोर्ट पॉजेटिव होगी, उनका इलाज राज्य के विभिन्न अस्पतालों में करवाने की व्यवस्था की जायेगी. इलाज नि:शुल्क नहीं होगा, हालांकि इलाज के लिए कुछ पैकेज दिये जायेंगे. मौके पर उपस्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस रिसर्च इंस्टीटय़ूट (एनसीआरआइ) के मेडिकल डायरेक्टर आशीष मुखोपाध्याय ने कहा कि आगर आइएमए चाहे, तो वह भी अपने उक्त इंस्टीटय़ूट की ओर से कैंप में मदद करने के लिए तैयार है. उन्होंने जांच के दौरान पॉजिटिव पाये जानेवाले मरीजों का नि:शुल्क चिकित्सा करने का भी आश्वासन दिया.