कोलकाता: पिछले कुछ महीने में तीन पार्षद वामपंथ का दामन छोड़ कर तृणमूल में शामिल हो चुके हैं. उनमें से एक 77 नंबर वार्ड के पार्षद निजामुद्दीन शम्स भी हैं. जो फॉरवर्ड ब्लॉक को छोड़ कर अब ममता बनर्जी के सिपाही बन गये हैं. श्री शम्स का कहना है कि उनके पिता पूर्व मंत्री स्वर्गीय कलीमउद्दीन शम्स का कहना था कि जो कोई भी पोर्ट इलाके का विकास करे, उसका साथ देना चाहिए.
पिछले तीन वर्ष में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम के नेतृत्व में पूरे बंदरगाह इलाके का जबरदस्त विकास हुआ है. ममता बनर्जी के इसी विकास की राजनीति से प्रभावित हो कर ही वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए हैं. पड़ोसी 78 नंबर वार्ड के कामकाज में हस्तक्षेप के आरोप के बारे में पूछे जाने पर श्री शम्स ने कहा कि वह पहले उसी वार्ड के पार्षद थे और उनका निवास स्थान 78 नंबर वार्ड में ही है.
उनके घर पर पूरे पोर्ट इलाके के लोग मिलने आते हैं. सूत्रों के अनुसार इस बार चुनाव में श्री शम्श 78 नंबर वार्ड से ही किस्मत आजमायेंगे. श्री शम्स ने कहा कि फिरहाद हकीम की सहयोगिता से इलाके में पानी, सड़क, शिक्षा व स्वस्थ्य के क्षेत्र में विकास का काफी काम किया है.
जिसके गवाह इस वार्ड में रहने वाले लोग हैं. इलाके में स्थित एकमात्र मेटरनिटी होम में ऑपरेशन थियेटर लगाने की वर्षो पुरानी मांग को उन्होंने ही पूरा किया है. इसके साथ ही इलाके में एक मेडिकल हब भी तैयार किया जा रहा है. इलाके में अवैध निर्माण को बढ़ावा देने के आरोप को गलत बताते हुए पार्षद ने कहा कि अवैध निर्माण रोकना अकेले पार्षद का काम नहीं है. सूत्रों के अनुसार पार्टी के कुछ लोग उन्हें टिकट दिये जाने का विरोध कर रहे हैं, इस पर श्री शम्श ने कहा कि टिकट देने का फैसला ममता बनर्जी व फिरहाद हकीम करेंगे. पार्टी जो भी फैसला लेगी, उन्हें मंजूर होगा, वह पार्टी के एक सिपाही की तरह हर फैसले को स्वीकार करेंगे.