कोलकाता. राज्य के 341 में से 174 ब्लॉकों में भूगर्भ जल स्तर नीचे की ओर गिरता जा रहा है. प्रत्येक वर्ष इसमें लगभग 20 सेमी की गिरावट हो रही है, जो हमारे राज्य के लिए खतरे की घंटी है. ये बातें शुक्रवार को पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के चेयरमैन डॉ कल्याण रुद्र ने एमसीसी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से आयोजित सेमिनार में कहीं. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा जारी की गयी एक सर्वे रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है. प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने इस संबंध में संबंधित जिलों के डीएम से बात की है और इस गिरावट को कम करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही राज्य के 341 में से 81 ब्लॉक में आर्सेनिक व 41 ब्लॉक में फ्लोराइड युक्त पानी है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हम सुरक्षित नहीं हैं. हालांकि राज्य सरकार विदेशी संस्थाओं के साथ मिल कर इस समस्या का समाधान में जुटी हुई है. केंद्र सरकार ने जारी की जेडएलडी पॉलिसीकारखानों द्वारा निकाले जा रहे तरल वर्ज्य पदार्थों पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने नयी ‘ जीरो लिक्विड डिस्चार्ज ‘ (जेडएलडी) पॉलिसी बनायी है, जिसके अनुसार कारखानों को तरल वर्ज्य पदार्थों को प्लांट के अंदर ही रिसाइकिल करना होगा और इसे पुन: प्रयोग करने के लायक बनाना होगा. ऐसा होने से प्रदूषण की मात्रा काफी हद तक कम हो जायेगी. इस मौके पर चेंबर के उपाध्यक्ष रमेश अग्रवाल ने स्वागत भाषण देते हुए प्रदूषण संबंधी विषयों पर प्रकाश डाला.
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174 ब्लॉकों में नीचे गिर रहा है भूगर्भ जल स्तर
कोलकाता. राज्य के 341 में से 174 ब्लॉकों में भूगर्भ जल स्तर नीचे की ओर गिरता जा रहा है. प्रत्येक वर्ष इसमें लगभग 20 सेमी की गिरावट हो रही है, जो हमारे राज्य के लिए खतरे की घंटी है. ये बातें शुक्रवार को पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के चेयरमैन डॉ कल्याण रुद्र ने एमसीसी […]
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