कोलकाता. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग 28 जनवरी अर्थात बुधवार से डेल्टा क्षेत्र में आपदा प्रबंधन एवं जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर एक तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन करने जा रहा है. इस कार्यशाला में विशेष रूप से सुंदरवन पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा. गौरतलब है कि सुंदरवन में जलवायु परिवर्तन के फलस्वरूप 2070 तक कोलकाता के एशिया के सबसे असुरक्षित क्षेत्र में तब्दील हो जाने की संभावना है. सुंदरवन में समुद्र का जल स्तर वैश्विक औसत से दोगुने रफ्तार से बढ़ रहा है. जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के कारण बंगाल की खाड़ी में उच्च तीव्रता वाले चक्रवातों के तैयार होने की संख्या भी बढ़ी है. इस अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन डब्ल्यूूडब्ल्यूएफ-इंडिया एवं इएनजीआइओ संयुक्त रूप से करेंगे. इसका मकसद विश्व बैंक की सहायता से सुंदरवन में स्थायी विकास को दिशा देने एवं एक ज्ञान प्रणाली का विकास करना है. राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री जावेद अहमद खान का कहना है कि पश्चिम बंगाल जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से देश में सबसे अधिक प्रभावित होने वाले राज्यों में से एक है. इसके कारण हमारे तटीय इलाके एवं विशेष रूप से सुंदरवन पर भारी खतरा है. वर्ष 2009 में आये चक्रवाती तूफान आयला को हम लोग अभी तक नहीं भूले हैं, जिसनें सुंदरवन में भारी तबाही मचायी थी. इस कार्यशाला के द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों से मिलने वाली जानकारी के आधार पर हम जलवायु परिवर्तन से होने वाले खतरे एवं सुंदरवन में आने वाली आपदा से निपटने की योजना तैयार करेंगे.
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आपदा प्रबंधन पर अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला आज
कोलकाता. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग 28 जनवरी अर्थात बुधवार से डेल्टा क्षेत्र में आपदा प्रबंधन एवं जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर एक तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन करने जा रहा है. इस कार्यशाला में विशेष रूप से सुंदरवन पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा. गौरतलब है कि सुंदरवन में जलवायु परिवर्तन के फलस्वरूप 2070 तक […]
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