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फर्जी कागजात बना करते थे किडनी बेचने का धंधा

मूल आरोपी समेत गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार ग्रामीण इलाकों में लोगों से खरीदते थे किडनी कोलकाता : फर्जी कागजात तैयार कर लाखों रुपये में किडनी बेचने का धंधा करने वाले गिरोह के तीन सक्रिय सदस्य को पूर्व यादवपुर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों के नाम मोहम्मद अनीसुर (36), अनिरुद्ध राय […]

मूल आरोपी समेत गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार
ग्रामीण इलाकों में लोगों से खरीदते थे किडनी
कोलकाता : फर्जी कागजात तैयार कर लाखों रुपये में किडनी बेचने का धंधा करने वाले गिरोह के तीन सक्रिय सदस्य को पूर्व यादवपुर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों के नाम मोहम्मद अनीसुर (36), अनिरुद्ध राय चौधरी (24) और जमील अख्तर (42) है.
इसमें मोहम्मद अनीसुर बिहार के कटिहार स्थित कुरैला बागरा का रहने वाला है, जबकि अनिरुद्ध अलीपुर दुआर और जमील सिलीगुड़ी का रहने वाला है. गिरफ्तार युवकों को महानगर के विभिन्न इलाकों से गिरफ्तार किया गया. शुक्रवार को सभी को अलीपुर कोर्ट में पेश करने पर 17 जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. गिरफ्तार लोगों में से एक किडनी लेने वाले व किडनी देने वाले परिवार के दो सदस्य शामिल है. इसमें गिरोह का मास्टर माइंड जमील अख्तर है.
पुलिस के मुताबिक गिरोह के सभी सदस्यों ने प्राथमिक पूछताछ में पुलिस को बताया कि वे ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों से संपर्क में रहते थे. रुपये के लालच में किडनी बेचने के लिए ग्रामीण लोग तैयार हो जाते थे. किडनी बेचने वाले लोगों की सूची इनके पास रहती थी. जरूरत मंद लोगों से किडनी का ग्रुप लेकर यह गिरोह इस सूची के आधार पर उस ग्रुप के दानदाता से संपर्क करते थे और फर्जी सरकारी कागजात बना कर उनके किडनी को ट्रांसप्लांट करवा देते थे.
गिरोह के सदस्यों ने बताया कि किडनी देने वाले व लेने वाले दोनों को ही अदालत में एविडेविड देना होता है. जिसके बाद अदालत की इजाजत के बाद कागजात बनाया जाता है और अस्पताल से होते हुए यह कागजात स्वास्थ विभाग तक पहुंचता है. जिसके बाद वहां से दोनों ही लोगों के बारे में पता लगाने के बाद किडनी ट्रांसप्लांट की इजाजत दी जाती है, लेकिन इस गिरोह के सदस्यों ने सभी कागजात फर्जी तैयार कर जल्द से जल्द किडनी ट्रांसप्लांट करने के लिए अस्पताल में जमा दिया था.
मेमो नंबर पर संदेह होने पर अस्पताल ने दर्ज करायी शिकायत : मामले पर विशेष अतिरिक्त व संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) पल्लव कांति घोष ने बताया कि किडनी देने वाले व लेने वाले ने स्वास्थ भवन द्वारा मिले एनओसी को कालिकापुर स्थित एक अस्पताल में जमा दिया तो उसके मेमो नंबर पर अस्पताल प्रबंधन को शक हुआ. जिसके बाद स्वास्थ भवन से इस संबंध में पूछताछ की गयी. जिसमें इस तरह का कोई रिपोर्ट नहीं देने की जानकारी मिली. जिसके बाद इसकी शिकायत पूर्व यादवपुर थाने में दर्ज करायी गयी. शिकायत के बाद किडनी देने वाले व किडनी लेने वाले दोनों परिवार के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया. उनसे पूछताछ कर मुख्य शातिर आरोपी गिरोह का मास्टर माइंड जमील अख्तर को गिरफ्तार किया गया. इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है.

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