हावड़ा. मानस मंथन समिति के तत्वावधान में आयोजित नौ दिनी राम कथा के बुधवार को समापन के अवसर पर कथावाचक राजन जी महाराज ने राम व रावण के बीच युद्ध के विषय पर चर्चा करते हुए बताया कि लंका दहन के लिए हनुमान जी को जिम्मेदार कहा जाता है. यह सत्य नहीं है. लंका दहन के लिए और कोई नहीं बल्कि खुद रावण जिम्मेदार था. श्री हनुमान जी के पूंछ में बंधा कपड़ा व घी रावण का था. श्री हनुमान के पूंछ में आग भी उसी ने लगायी. कहने का तात्पर्य यह है कि बुरे नियत व किसी को क्षति पहुंचाने की मंशा से किये गये काम का नतीजा बुरा ही होता है. रामकथा के समापन के मौके पर कई विशिष्ट लोग सपत्नीक यजमान बने. इनमें समर बहादुर सिंह, ओमप्रकाश तिवारी, अशोक ठाकुर, श्याम सिंह, विजय इस्सर, अमरनाथ ठाकुर, सांवलिया मिश्रा, रमाकांत पांडेय यजमान बने. इस मौके परे अतिथि केशरी कुमार तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी, माया शंकर पांडेय, दीपक ठाकुर, अशोक ठाकुर, माया शंकर पांडेय, पूर्व पार्षद प्रदीप तिवारी, ओमप्रकाश तिवारी, धनपाल मिश्रा, दया कुमार, मुन्ना तिवारी, रमाकांत पंडित, राहुल केजरीवाल, डॉक्टर राकेश पांडेय, प्रदीप गुप्ता, भोला शंकर व अन्य मौजूद रहे. इस मौके पर प्रभात खबर कोलकाता के स्थानीय संपादक तारकेश्वर मिश्रा को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का संचालन वीरेंद्र शर्मा ने किया.
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अंतिम क्षण में राम ना से ही मिलेगी मुक्ति : राजन जी
हावड़ा. मानस मंथन समिति के तत्वावधान में आयोजित नौ दिनी राम कथा के बुधवार को समापन के अवसर पर कथावाचक राजन जी महाराज ने राम व रावण के बीच युद्ध के विषय पर चर्चा करते हुए बताया कि लंका दहन के लिए हनुमान जी को जिम्मेदार कहा जाता है. यह सत्य नहीं है. लंका दहन […]
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