कोलकाता: जेब खर्च और शौक को पूरा करने के लिए बेरोजगार युवक ऐसे अपराध करने लगे जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता. कुछ ऐसा ही मामला कोलकाता पुलिस के एडेड इलाके में हो रहा था. यह मामला था लगातार डिलीवरी ब्वॉय के वैन से सिलिंडर का गायब होना.
कॉलोनी व इमारतों के नीचे वैन से सिलिंडर होने लगा गायब : गरफा, कसबा, पाटुली व नेताजीनगर इलाके में दर्जनों सिलिंडर वैन से चोरी होने की शिकायतें थाने में आने लगी. यहां के डिलीवरी ब्वॉय के अनुसार चोर कभी वैन से दो-तीन सिलिंडर तो कभी पूरा वैन ही चोरी कर ले जाते थे. ऐसी शिकायत लगातार मिलने से पुलिस भी परेशान हो गयी थी. आखिर ऐसा कौन सा गैंग पनप गया था, जिसे पुलिस का भी खौफ नहीं था.
रिफिलिंग सेंटर में छापेमारी में हाथ लगी सफलता : पुलिस ने बताया कि बाइपास से संलग्न इलाकों में चलनेवाले ऑटो में रिफलिंग सेंटर में छापेमारी शुरू की. कुछ ही सेंटर में छापेमारी में पुलिस को सफलता हाथ भी लगी. यहां एक खबरी ने पुलिस को एक गैंग के इसमें शामिल होने की जानकारी दी, जिसके बाद नेताजी नगर थाने की टीम ने छापेमारी करके गिरोह के एक सदस्य सोनारपुर निवासी विश्वजीत मंडल (23) को धर दबोचा. उससे पूछताछ के बाद पुलिस ने गरिया इलाके से बापी सरकार (28) सोनारपुर के नयाबाद इलाके से शाहदेव नस्कर (35) व राणा घोषाल (23) को और सोनारपुर के धमाईतल्ला इलाके से अमित मंडल (22) को गिरफ्तार कर लिया.
कैसे देते थे वारदात को अंजाम : गिरफ्तार बदमाशों ने पुलिस को बताया कि गिरोह के सभी सदस्य दक्षिण कोलकाता के विभिन्न इलाकों में गैस के बड़े डीलरों के पास निगरानी करते थे. डीलर के पास से सिलिंडर भरती कर जैसे ही डिलीवरी ब्वॉय वहां से सिलिंडर की घरों में सप्लाई करने निकलते थे, उसके साथ ही ये लोग उसका पीछा करने लगते. जिस कॉलोनी के बाहर सिक्योरिटी गार्ड नहीं होते थे, यह गिरोह वहीं वारदात को अंजाम देता था. जैसे ही डिलीवरी ब्वॉय सड़क पर वैन खड़ा कर गैस की डिलीवरी करने ग्राहकों के घरों में जाते थे. ये लोग तुरंत उनके वैन को वहां से ले भागते और रिफलिंग सेंटरों में उसे बेच देते थे. घटना के बाद स्थानीय थानों में इसी तरह की शिकायतें बड़ी तादात में आने लगी थीं.
गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद 91 सिलिंडर जब्त : गिरोह के शातिर सदस्यों ने जिन लोगों के पास सिलिंडर बेचा था, वहां से छापेमारी करके 91 सिलिंडर जब्त कर लिये गये. जब्त सभी सिलिंडर भारत, एचपी व इंडियन गैस के थे. सभी से पूछताछ कर पुलिस को हैरानी तब हुई, जब सभी ने पुलिस अधिकारियों के पास अपनी-अपनी मजबूरी बयां की. कोई नशे की तल को पूरा करने के लिए इस गैंग में शामिल हुआ था, तो कोई अपनी शौक को पूरा करने के लिए इस गिरोह का सदस्य बन गया.