कोलकाता: डेंगू व मलेरिया से बचने के लिए कोलकाता नगर निगम ने मानसून की शुरुआत में ही कुछ उपाय किये हैं. लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है. इसी क्रम में निगम अब सीइएससी की सहायता लेने की योजना बना रहा है. सीइएससी एक ऐसा माध्यम है, जिसकी पहुंच महानगर के लगभग प्रत्येक घर तक है. बिजली के बिल शहर के सभी घरों में पहुंचते हैं.
इसे देखते हुए निगम ने बिजली के बिल के पीछे के खाली हिस्से को लोगों को जागरूक करने के लिए इस्तेमाल करने पर विचार किया है. सीइएससी के बिजली के बिल के पीछे के हिस्से पर मलेरिया व डेंगू से बचने के तरीके से अवगत कराया जायेगा. इस संबंध में निगम की ओर से सीइएससी को पत्र लिखे गये हैं. सीइएससी के अधिकारियों के परामर्श पर विभागीय मेयर परिषद सदस्य अतीन घोष ने स्वयं सीइएससी के चेयरमैन संजीव गोयनका को पत्र लिखा है.
श्री घोष ने बताया कि महानगर के प्रत्येक व्यक्ति तक डेंगू व मलेरिया संबंधी जागरूकता पुस्तिका पहुंचाने में काफी खर्च होगा. फंड की कमी से सभी अवगत हैं. ऐसी स्थिति में हमने सीइएससी की मदद ली है, जिसके बिजली का बिल प्रत्येक महीने लोगों के घर तक पहुंचता है.
अगर बिजली के बिल में डेंगू व मलेरिया से बचाव के उपाय भी लिखे होंगे, तो इससे काफी सहायता मिलेगी. श्री घोष के अनुसार यह सीइएसी की कॉरपोरेट सोशल रिस्पोंसब्लिटी(सीएसआर) भी है. इसके साथ ही निगम द्वारा संपत्ति मालिकों को दिये जानेवाले प्रोपर्टी टैक्स के बिल पर भी ऐसा ही संदेश देने की तैयारी चल रही है. श्री घोष ने मेयर से इसके लिए आवेदन भी किया है.