कोलकाता: कोल इंडिया लिमिटेड ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में कम से कम सात कोल वाशरीज की स्थापना करने की योजना बनायी है, जिस पर 2000 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
यह जानकारी मंगलवार को सीआइआइ की ओर से आयोजित भारत-दक्षिण अफ्रीका सहयोग सेमिनार के दौरान कोल इंडिया लिमिटेड के महाप्रबंधक (प्रोजेक्ट व मॉनिटरिंग डिवीजन) टीके सिन्हा ने दी. उन्होंने बताया कि वर्ष 2013-14 में 1.5 से 1.6 करोड़ टन कोयले की धुलाई क्षमतावाली सात कोल वाशरीज के लिए अनुबंध होगा.
इनमें से दो वाशरीज के लिए समझौता पहले ही हो चुका है और दो के लिए जल्द ही समझौता होगा. श्री सिन्हा ने कहा कि गैर ऊर्जा उपभोक्ताओं की तरफ से धुले कोयले की मांग है, जबकि कंपनी का लगभग 80 फीसदी उत्पादित कोयला बिजली उत्पादन करनेवाली कंपनियों को दिया जाता है, बाकी कोयला को गैर ऊर्जा उपभोक्ताओं को दिया जाता है. वर्तमान समय में कोल इंडिया के पास 17 वाशरीज है, जिनकी क्षमता 3.5 करोड़ टन है.
गौरतलब है कि मंगलवार को सीआइआइ की ओर से भारत-दक्षिण अफ्रीका सहयोग सेमिनार का आयोजन किया गया. इस मौके पर दोनों देशों के बीच माइनिंग सेक्टर के विकास के लिए साझा कार्य करने पर विचार विमर्श किया गया. इस मौके पर ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट साउथ अफ्रीका के एक्सपोर्ट प्रोमोशन के उप निदेशक काबेलो केनेथ मालात्सी, दक्षिण अफ्रीका उच्च आयुक्त के वरिष्ठ सलाहकार एससी प्रधान, सीआइआइ के माइनिंग एंड कंस्ट्रक्शन इक्यूपमेंट डिवीजन के चेयरमैन वीके अरोड़ा आदि उपस्थित रहे.