कोलकाता: पूर्व यादवपुर थाने की पुलिस ने एक 54 वर्षीया शातिर महिला को गिरफ्तार किया है. उस महिला पर खाली पड़ी लावारिस जमीन को अपना बता कर बेचने का आरोप है. पुलिस की मानें तो, आरोपी मीता चटर्जी (54) सैकड़ों लोगों से धोखाधड़ी कर करोड़ों रुपये की मालकिन बन गयी. पूछताछ में उसने यह बात कबूल भी की है. उसके गिरोह के बाकी सदस्यों की गिरफ्तारी होनी अभी बाकी है.
क्या है मामला : संतोषपुर में को-ऑपरेटिव बैंक के निकट बारखोला मौजा के 333 नंबर प्लॉट में चार कट्ठे की वजूदहीन जमीन है. मीता के गिरोह ने पहले इस खाली जमीन की फरजी रजिस्ट्री और म्यूटेशन के कागजात तैयार किये. पुलिस का कहना है कि गिरोह की मुखिया मीता थी. जो चिरंजीत नंदी नामक एक अन्य व्यक्ति के साथ मिल कर धोखाधड़ी का गिरोह चलाती थी. इस जमीन के लिए ग्राहक ढूंढ़ने का कार्य चिरंजीत करता था. आसपास की जमीन की कीमत 30 लाख रुपये प्रति कट्ठा होने की जानकारी देते हुए मीता की मां के इलाज की इलाज के लिए जमीन को 15 लाख रुपये प्रति कट्ठा बेचने का चिरंजीत ग्राहकों को लालच देता था.
फ्रॉड एग्रीमेंट बना कर रुपये लेकर होते थे फरार : ये दूर से आनेवाले ग्राहकों को ही अपना शिकार बनाते थे. बागुइहाटी में रहने वाले तपन दास ने गत वर्ष सस्ती जमीन मिलने की खबर पाकर इस गिरोह से संपर्क किया. चार कट्ठे की जमीन के कागजात दिखा कर उसने तपन को प्रभावित किया. एक गुप्त ठिकाने में जमीन का एग्रीमेंट कर एडवांस के तौर पर उससे पांच लाख 20 हजार रुपये ले लेकर ये फरार हो गये. तपन ने इसकी शिकायत पूर्व यादवपुर थाने में दर्ज करायी थी. इसके बाद पुलिस ने बासद्रोनी के बोराल मेन रोड से मीता को गिरफ्तार किया. अलीपुर कोर्ट ने उसे पुलिस हिरासत में भेज दिया.