कश्मीर में शहीद हुए बीएसएफ के सहायक कमांडेंट की मां का आरोप, सारे वादे भूल गयी सरकार
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बेटे की शहादत पर है गर्व, पर सरकार की उदासीनता से हूं आहत
कश्मीर में शहीद हुए बीएसएफ के सहायक कमांडेंट की मां का आरोप, सारे वादे भूल गयी सरकार एक वर्ष बाद भी बेटे के नाम पर ना सड़क बनी, ना स्मारक और ना ही नौकरी मिली हावड़ा : एक वर्ष पहले जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में पाकिस्तानी स्नाइपर के हमले में सीमा सुरक्षा बल के सहायक […]
एक वर्ष बाद भी बेटे के नाम पर ना सड़क बनी, ना स्मारक और ना ही नौकरी मिली
हावड़ा : एक वर्ष पहले जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में पाकिस्तानी स्नाइपर के हमले में सीमा सुरक्षा बल के सहायक कमांडेंट विनय प्रसाद शहीद हो गये थे. विनय प्रसाद की मां शकुंतला देवी ने बताया कि देश के लिए कुर्बान अपने बेटे पर उन्हें गर्व है लेकिन सरकार की उदासीनता से वह काफी नाराज हैं. वह कहती हैं कि मेरे लाल की शहादत को एक वर्ष हो गये, लेकिन सरकार की ओर से किये गये सारे सरकारी वादे भुला दिये गये.
उन्होंने आगे बताया कि एक वर्ष पहले उनके घर पर मंत्रियों और नेताओं का तांता लगा था और बहुत सारे वादे भी किये गये थे लेकिन उन्हें भुला दिया गया. वह कहती हैं कि राज्य सरकार की तरफ से हमें आश्वासन मिला था कि जल्द ही उनके शहीद बेटे के नाम पर हावड़ा में एक सड़क का नामकरण होगा और स्मारक भी बनेगा. साथ ही शहीद की पत्नी के साथ परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी भी दी जायेगी, लेकिन सारे वादे भुला दिये गये. नौकरी के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाते-लगाते हम थक चुके हैं.
वह कहती हैं कि देश के लिए मैंने बेटा खोया है इसका मुझे गर्व है. एक शहीद की मां होने के सम्मान से बड़ा कोई और सम्मान नहीं हो सकता, लेकिन उन लोगों से वह सख्त नाराज हैं जो वादे करते है और उन्हें भूल जाते हैं. शहीद के बड़े भाई राकेश प्रसाद कहते हैं कि यह उनकी भी इच्छा है कि शहीद भाई के नाम पर किसी सड़क का नामकरण हो और समारक बने. शहीद के अन्य बड़े भाई विकास प्रसाद ने बताया कि नौकरी के लिए कार्यालयों ऑफिसों का चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. पहले ग्रुप डी की नौकरी के लिए राज्य सरकार की तरफ से कहा जा रहा था, लेकिन अब कहा जा रहा है कि ग्रुप सी की नौकरी देंगे, लेकिन अब तक कुछ नहीं हो पाया है.
उल्लेखनी है कि 15 जनवरी 2019 को सीमा सुरक्षा बल के सहायक कमांडेंट विनय प्रसाद, जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के हीरानगर सांबा सेक्टर में पाकिस्तानी रेंजर्स के हमले में शहीद हो गये थे. घटना के बाद पार्थिव शरीर को हावड़ा के डबसन रोड स्थित उनके निवास स्थल श्यामा सदन अपार्टमेंट में लागा गया तो पूरा हावड़ा शहर शहीद बेटे को अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ पड़ा था.
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