कोलकाता : माकपा विधायक सुजन चक्रवर्ती ने आरबीआइ पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ को पत्र लिखा है. अपने पत्र में श्री चक्रवर्ती ने लिखा है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले कई वर्षों से लगातार सेंट्रल बैंकिंग के कामकाज में छंटनी की है.
इसके लिए आरबीआइ की ओर से आउटसोर्सिंग व अन्य उपायों का सहारा लिया जा रहा है. उन्होंने राज्य आधारित क्लेरिकल स्टाफ (असिस्टेंट्स) की नियुक्ति दो दशकों यानी वर्ष 1990-2010 तक बंद रखी थी. हालांकि वर्ष 2012 से कम संख्या में नियुक्तियां शुरू हुईं. लेकिन इस सीमित नियुक्ति में भी कोलकाता ऑफिस जो कि आरबीआइ का दूसरा सबसे बड़ा कार्यालय है, वहां संख्या कम होती जा रही है. जो राज्य के पढ़े-लिखे बेरोजगारों के साथ अन्याय है.
2019 की नियुक्ति में कुल 926 नियुक्तियों में से आरबीआइ ने इस क्षेत्र के लिए महज 11 पद रखे, जिनमें 10 पश्चिम बंगाल और एक सिक्किम के लिए था. रिजर्व बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन ने इस अन्याय के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है. लिहाजा वह अनुरोध करते हैं कि संबंधित अधिकारियों से इस संबंध में वे बात करें.