भाजपा सांसद स्वपन दासगुप्ता को किया लॉक
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भाजपा सांसद को बनाया बंधक
भाजपा सांसद स्वपन दासगुप्ता को किया लॉक वामपंथी गुंडों का शासन प्रायोजित गुंडागर्दी : विजयवर्गीय कोलकाता : भाजपा सांसद स्वप्न दासगुप्ता को बुधवार को विश्व भारती विश्वविद्यालय में माकपा समर्थित एसएफआइ के सदस्यों के विरोध का सामना करना पड़ा. उन्हें यहां संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर व्याख्यान देना था, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने यह रुकवा दिया. […]
वामपंथी गुंडों का शासन प्रायोजित गुंडागर्दी : विजयवर्गीय
कोलकाता : भाजपा सांसद स्वप्न दासगुप्ता को बुधवार को विश्व भारती विश्वविद्यालय में माकपा समर्थित एसएफआइ के सदस्यों के विरोध का सामना करना पड़ा. उन्हें यहां संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर व्याख्यान देना था, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने यह रुकवा दिया. उन्हें सभाकक्ष में ही लॉक कर दिया.
भाजपा के महासचिव व प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा : स्वपन दासगुप्ता हमारे सांसद हैं. अगर विश्वविद्यालय में गुंडों का साम्राज्य हो जायेगा, तो देश के भविष्य का क्या होगा? देश के चुनिंदा विश्वविद्यालयों में वामपंथी गुंडों द्वारा आराजकता फैलायी जा रही है. यह पूरी तरह से शासन प्रायोजित गुंडागर्दी है.
राज्यसभा सदस्य दासगुप्ता को विश्वविद्यालय के लिपिका सभागार में व्याख्यान श्रृंखला के तहत ‘सीएए 2019: समझ और व्याख्यान’ पर बोलना था. कार्यक्रम अपराह्न साढ़े तीन बजे होना था, जिसकी अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती को करनी थी. हालांकि जैसे ही श्री दासगुप्ता विश्वविद्यालय परिसर में दाखिल हुए, छात्रों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया.
एसएफआइ की विश्वविद्यालय इकाई के नेता सोमनाथ साउ ने कहा कि छात्र समुदायों के बीच नफरत को बढ़ाना देनेवालों को उनके दुष्प्रचार के प्रसार के लिए विश्व भारती की जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देंगे, जो रवींद्रनाथ टैगोर के आदर्शों पर स्थापित है.
उन्होंने कहा : हम भाजपा और हिंदुत्व शक्तियों के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखेंगे. भाजपा नेता ने ट्वीट किया : सीएए पर आयोजित शांतिपूर्ण बैठक पर भीड़ हमले और छात्रों को डराये जाने पर कैसा अनुभव होता है? ऐसा ही कुछ विश्व भारती में हो रहा है, जहां मैं संबोधन दे रहा हूं.
फिलहाल कमरे में बंद हूं और बाहर भीड़ जमा है. विश्वविद्यालय के एक शिक्षक ने कहा कि प्रदर्शन के चलते दासगुप्ता को अतिथि गृह में रखा गया है. हालांकि विश्वविद्यालय के अधिकारियों की ओर से इसपर कोई टिप्पणी नहीं की गयी है. विश्व भारती की स्थापना नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने 1921 में की थी. यह एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है.
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