कोलकाता : राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के उस बयान का खंडन किया है, जिसमें बुधवार को उन्होंने कहा था कि राज्यपाल की चिट्ठी विधानसभा अध्यक्ष के पास पहुंचने से 30 मिनट पहले ही मीडिया में आ गयी थी.
राज्यपाल ने यह चिट्ठी मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी को संविधान की धारा 175(2) का प्रयोग करते हुए भेजी थी और कहा कि सदन में अभिभाषण का और उनको संदेश भेजने का उन्हें अधिकार है.
साथ ही धनखड़ ने इसे पढ़ कर विधानसभा में सुनाने को कहा था, लेकिन तब तक सदन की कार्यवाही को स्थगित किया जा चुका था. बुधवार को राजभवन की ओर से जारी बयान में राज्यपाल ने कहा कि पार्थ चटर्जी का बयान तथ्यात्मक रूप से गलत है और उम्मीद की जानी चाहिए कि भविष्य में मंत्री जब सार्वजनिक पटल पर राज्यपाल के संवैधानिक कामकाज पर कोई विचार व्यक्त करें, तो पहले सभी पहलुओं की जांच कर लें. राजभवन ने यह भी कहा है कि उक्त चिट्ठी कानूनी तंत्र द्वारा पहले बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष को भेजी गयी थी.