कोलकाता : राष्ट्रीय गतिशील दिव्यांगजन संस्थान ने दिव्यांगों के आर्ट एंड क्राफ्ट स्कूल में मंगलवार को ‘अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस मनाया. दिव्यांग शब्द का प्रयोग अक्सर व्यक्तिगत कामकाज, शारीरिक कमजोरी, संवेदी हानि, संज्ञानात्मक हानि, बौद्धिक हानि, मानसिक बीमारी और विभिन्न प्रकार की पुरानी बीमारी को शामिल करने के लिए किया जाता है. इस उपयोग को कुछ व्यक्तियों द्वारा दिव्यांगजन के एक चिकित्सा मॉडल के साथ सम्बद्ध रूप में वर्णित किया गया है.
इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस का विषय ‘दिव्यांगजन व्यक्तियों और उनके नेतृत्व की भागीदारी को प्रोत्साहित करना है, जो सतत विकास के तहत 2030 का लक्ष्य भी है. भारत सरकार द्वारा (प्रदत्त) दिव्यांगजनों के लिए सुविधाओं और योजनाओं के बारे में आम लोगों को संवेदित एवं जागरूक करने के लिए मंगलवार को सुबह नौ बजे जागरूकता रैली भी निकाली गयी.
इस जागरूकता रैली में राष्ट्रीय गतिशील दिव्यांगजन संस्थान कोलकाता, अली यावर जंग राष्ट्रीय वाॅक एवं श्रवण दिव्यांगजन संस्थान पूर्वी क्षेत्र के कोलकाता एवं राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान व क्षेत्रिय केंद्र, कोलकाता से लगभग 600 से अधिक दिव्यांगों, विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया. इस अवसर पर राष्ट्रीय गतिशील दिव्यांगजन संस्थान, कोलकाता में दिव्यांगजन, रोगियों व विद्यार्थियों के लिए पोस्टर, स्लोगन, प्रश्नोत्तरी, निबंध एवं सीट एंड ड्राॅ प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया.
दिव्यांगजनों के लिए विशेष रुप से पहियेदार कुर्सी एवं लोअर बॉडी ड्रेसिंग योग्यता जैसी प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया, जिसमें दिव्यांगजनों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. डॉ लालनूनथारा, कमिश्नर, दिव्यांगजन, मिजोरम, मोनाली पलाधी, उप पुस्तकालयाध्यक्ष भारतीय सांख्यिकी संस्थान, कोलकाता के प्रदीप घोष, कला शिक्षक राजकुमार माइती व अन्य उपस्थित थे.