कोलकाता : चक्रवाती तूफान ‘बुलबुल’ ने पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में कहर बरपाया है. शनिवार देर रात तूफान का केंद्र सुंदरबन इलाका था. दक्षिण 24 परगना के बकखाली में बड़ी संख्या में पेड़ उखड़ गये हैं. यहां भारी बारिश के साथ 120 से 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं. तूफान के अब बांग्लादेश की ओर बढ़ने की संभावना है.
उधर, शनिवार को कोलकाता सहित कई जिलों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई है. सुबह दस बजे के करीब बालीगंज इलाके में कलकत्ता क्रिकेट एंड फुटबाल क्लब ग्राउंड के नजदीक एक पेड़ गिरने से इसके नीचे दबकर क्लब के एक कर्मचारी की मौत हो गयी. इस बीच एहतियात के तौर पर शनिवार शाम छह बजे से रविवार सुबह छह बजे तक 12 घंटे के लिए कोलकाता एयरपोर्ट बंद कर दिया गया है.
पुलिस के मुताबिक कोलकाता में मृत शख्स का नाम शेख सोहेल (28) है. वह साउथ टेंगरा रोड के निवासी थे. वह सीसीएफसी क्लब में अस्थायी रसोई कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे थे. मुख्य दरवाजे से साइकिल लेकर प्रवेश करते समय पेड़ गिरने से दब गये. मौके पर पहुंची पुलिस उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया.
कोलकाता एयरपोर्ट 12 घंटे के लिए बंद: कोलकाता एयरपोर्ट को शनिवार शाम छह बजे से रविवार सुबह छह बजे तक के लिए बंद कर दिया गया है. बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान ‘बुलबुल’ ओड़िशा से पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश की तरफ बढ़ रहा है. बंगाल में रात तक इसके भयानक रूप लेने की आशंका को देखते हुए कोलकाता एयरपोर्ट को बारह घंटे के लिए बंद कर दिया गया है.
गृह मंत्रालय की ओर से जारी सूचना के मुताबिक शनिवार शाम छह बजे से रविवार सुबह छह बजे तक कोलकाता एयरपोर्ट बंद रखने का निर्णय लिया गया है.
सीएम कर रही हैं हालात की निगरानी: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा है कि वे खुद स्थिति की निगरानी कर रही हैं और बुलबुल तूफान से लड़ने के लिए प्रशासन हरसंभव इंतजाम कर रहा है.
मुख्यमंत्री ने नागरिकों से शांति कायम रखने और परेशान न होने का आग्रह किया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि स्कूल-कॉलेज और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रखे गये और तटीय क्षेत्रों के 1.2 लाख लोगों को बाहर निकाला गया है. राज्य सचिवालय में आपातकालीन संचालन केंद्र (इओसी) नियंत्रण कक्ष खोले गये हैं. शुक्रवार से पश्चिम बंगाल-ओड़िशा तट पर मछली पकड़ने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा है. पर्यटकों को भी समुद्र के निकट न जाने को कहा गया है.