कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में गुरुवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम फैसले लिये गये. राज्य सरकार ने बस्ती इलाके में चार तल्ले के मकान निर्माण की अनुमति दे दी है. यही नहीं,बंद होते चाय बागानों को बचाने के लिए चाय बागानों में टी टूरिज्म और कंस्ट्रक्शन सहित अन्य मामलों के लिए चाय बागानों के इस्तेमाल की भी अनुमति दे दी गयी है.
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अब बस्ती इलाकों में भी बन सकेगा चार तल्ले का मकान
कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में गुरुवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम फैसले लिये गये. राज्य सरकार ने बस्ती इलाके में चार तल्ले के मकान निर्माण की अनुमति दे दी है. यही नहीं,बंद होते चाय बागानों को बचाने के लिए चाय बागानों में टी टूरिज्म और कंस्ट्रक्शन सहित अन्य […]
नवान्न में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने बताया कि चाय बागानों की कुल 15 फीसदी जमीन के इस्तेमाल की अनुमति दी गयी है. 15 फीसदी जमीन में 40 फीसदी भूमि पर निर्माण कार्य की अनुमति होगी. इस बाबत अधिकतम 150 एकड़ जमीन का इस्तेमाल किया जा सकता है. यदि 200 एकड़ जमीन पर चाय बागान है, तो उसके 15 फीसदी जमीन का इस्तेमाल किया जा सकता है. श्री चटर्जी ने बताया कि चाय बागानों में रोजगार सृजन, चाय उत्पादन बढ़ाने, चाय श्रमिकों की छंटनी रोकने के लिए प्लांटेशन और पर्यावरण कानून से तालमेल रखकर कार्य किया जायेगा.
राज्य का उद्योग और वाणिज्य विभाग नोडल एजेंसी का कार्य करेगा, जबकि मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें पर्यटन, उद्योग, पर्यावरण, टी बोर्ड सहित अन्य विभागों के सदस्य होंगे. इस कमेटी के माध्यम से कार्य के लिए आवेदन किया जायेगा. अंतिम निर्णय उद्योग व वाणिज्य विभाग लेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय से उत्तर बंगाल के लोग विशेष रूप से पहाड़ का सर्वांगीण विकास होगा. इको फ्रेंड्रली पर्यटन की व्यवस्था की जा सकेगी तथा रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे.खाली जमीन के उपयोग से बागानों को बचाया जा सकेगा.इससे अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा.
उधर, राज्य के शहरी विकास मामलों के मंत्री फिरहाद हकीम ने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने ठीका टेनेंसी एक्ट को मंजूरी दे दी. इस कानून के अनुसार अब बस्ती इलाके में चार तल्ले के मकान का निर्माण किया जा सकेगा. इसके लिए नगर निगम से एनओसी लेनी होगी, लेकिन इसका निर्माण मकान मालिक और किरायेदार को ही करना होगा.
बस्ती इलाकों में प्रमोटर के जरिये निर्माण की अनुमति नहीं दी जायेगी. मकान मालिक और किरायेदारों के हितों की रक्षा की जायेगी. उन्होंने कहा कि इस नियम के लागू होने से टूटे-फूटे तथा जर्जर मकानों का पुनर्निर्माण किया जा सकेगा. इससे बस्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को राहत मिलेगी.
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