कालियागंज: इंसेफलाइटिस (जापानी दिमागी बुखार) से कालियागंज निवासी 32 वर्षीय डुकुरू बर्मन की मौत के बाद पूरे उत्तर दिनाजपुर जिले में इस बीमारी को लेकर आतंक है. प्रशासन ने भी आनन-फानन में इस बीमारी से निपटने की तैयारियां शुरू कर दी है. जिलाधिकारी स्मिता पांडे ने कल यहां स्वास्थ्य विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिले के सभी नौ ब्लॉकों के सरकारी अस्पतालों में फीवर क्लीनिक की शुरुआत कर दी गयी है. सभी ब्लॉक अस्पतालों में अलग से फीवर क्लीनिक बनाये गये हैं और वहां डॉक्टर व नर्सो की तैनाती की गयी है.
इन फीवर क्लीनिकों पर संबंधित ब्लॉकों के ब्लॉक चिकित्सा पदाधिकारी नजर रखेंगे. यहां उल्लेखनीय है कि डुकुरू बर्मन की दो दिनों पहले उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में इंसेफलाइटिस से मौत हो गयी थी.
उसके बाद से ही जिला प्रशासन ने ऐहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिये हैं. जिलाधिकारी स्मिता पांडे द्वारा बुलायी गयी बैठक में जिले के सभी स्वास्थ्य अधिकारियों, नगरपालिकों के चेयरमैनों, ग्राम पंचायत के प्रधानों, बीडीओ की उपस्थिति थी. इस बैठक में साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया गया. आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि जिले में विभिन्न स्थानों पर मच्छरों को मारने व सूअर के खटालों को हटाने के लिए अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया. इस संबंध में जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी रासबिहारी दत्ता ने बताया है कि ब्लॉक स्तर के सभी अस्पतालों में फीवर क्लीनिक की शुरुआत कर दी गयी है. इन क्लीनिकों पर नजर रखने के लिए अलग से अधिकारियों की नियुक्ति भी की गयी है. फीवर क्लीनिक 24 घंटे खुले रहेंगे. इंसेफलाइटिस के मामले पाये जाने के साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना देने की हिदायत अस्पतालों को दे दी गयी है. इस बीच, जिलाधिकारी द्वारा आहूत बैठक में तालाबों की साफ-सफाई पर भी विशेष जोर देने का निर्णय लिया गया है. लोगों को तालाबों के पानी पीने से मना कर दिया गया है.