कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बहूबाजार में मेट्रो के कार्य की वजह से घरों में दरार आने और फिर होटलों में रहने को मजबूर लोगों के पुनर्वास के लिए राज्य सचिवाल नबान्न में एक उच्च स्तरीय बैठक की. बैठक के बाद संवाददाताओं को उन्होंने बताया कि पीड़ितों को उनके घर के बदले घर, दुकान […]
कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बहूबाजार में मेट्रो के कार्य की वजह से घरों में दरार आने और फिर होटलों में रहने को मजबूर लोगों के पुनर्वास के लिए राज्य सचिवाल नबान्न में एक उच्च स्तरीय बैठक की. बैठक के बाद संवाददाताओं को उन्होंने बताया कि पीड़ितों को उनके घर के बदले घर, दुकान के बदले दुकान और रोजगार के बदले रोजगार मिलेगा.
उक्त बैठक में राज्य के मुख्य सचिव मलय दे, गृह सचिव आलापन बंद्योपाध्याय, कोलकाता पुलिस आयुक्त अनुज शर्मा, मेयर फिरहाद हकीम, सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय, विधायक नयना बंद्योपाध्याय, परिवहन तथा आपदा विभाग के सचिव, मेट्रो रेलवे के जीएम पीसी शर्मा तथा कोलकाता मेट्रो रेलवे कार्पोरेशन लिमिटेड (केएमआरसीएल) के प्रबंध निदेशक मानस सरकार के अलावा पीड़ितों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे. मुख्यमंत्री ने बताया कि हालात के मद्देनजर राज्य के मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक कोर ग्रुप बनाया गया है जिसमें गृह सचिव, पुलिस आयुक्त, पुलिस उपायुक्त(मध्य), मेयर, सुदीप बंद्योपाध्याय, मेट्रो रेलवे के महाप्रबंधक, केएमआरसीएल के प्रबंध निदेशक, परिवहन तथा आपदा विभाग के सचिव व पीड़ितों के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे. यह ग्रुप हालात की प्रगति पर नजर व पुनर्वास की देखरेख करेगा.
सीएम ने बताया कि जब तक मेट्रो, दरार देखे गये 52 घरों को नये सिरे से बना नहीं देती, तब तक पीड़ितों के लिए किराये के घर की व्यवस्था मेट्रो करेगी. मेट्रो रेलवे का जेम सिनेमा हॉल के निकट एक भवन है जिसमें कई फ्लोर हैं. पीड़ित परिवार वहां भी रह सकते हैं. जिन लोगों की हादसे के स्थल पर दुकान थी उन्हें दुकान देनी होगी. कइयों की आय बंद हो गयी है.
उन्हें भी हालात सामान्य होने तक मासिक मुआवजा देना होगा. पीड़ित लोग बगैर कुछ लिए घर छोड़ने को मजबूर हुए थे. उन्हें तत्काल कम से कम पांच-पांच लाख रुपये मेट्रो की ओर से दिया जाना चाहिए. यह मुआवजा मेट्रो को पहले ही घोषित करना चाहिए था. इसके अलावा पीड़ित, शील परिवार के घर में जनवरी महीने में शादी थी. इसके लिए मेट्रो व राज्य सरकार की ओर से पांच-पांच लाख रुपये अतिरिक्त मुआवजा दिया जायेगा.
आपदा विभाग के विशेषज्ञों की देखरेख में पीड़ित परिवारों से एक-एक सदस्य घर में जाकर जरूरी सामान ला सकते हैं. जिन परिवारों के कागजात गायब हो गये हैं उनके लिए नये कागजात राज्य सरकार और मेट्रो की मदद से बनाये जायेंगे. मेट्रो रेलवे के महाप्रबंधक ने कहा कि वह कमोबेश सभी सुझावों पर राजी हैं. घर, दुकान आदि बनाने व लोगों को घरों के बनने तक किराये के घर में रहने के खर्च के संबंध में मेट्रो की ओर से पहले ही घोषणा कर दी गयी थी. हालांकि मुआवजे के संबंध में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की ओर से जल्द फैसला लिया जायेगा.