कोलकाता : लाखों श्रद्धालुओं के लिए आस्था के प्रसिद्ध केंद्रों में शामिल कालीघाट काली मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है, जहां रोजाना लाखों दर्शनार्थी मां काली की पूजा अर्चना करने आते हैं. महानगर के इस कालीघाट मंदिर की रूपरेखा जल्द ही बदलने वाली है. इसके लिए अगस्त माह से ही काम शुरू कर दिया जायेगा. मंदिर परिसर समेत संलग्न इलाके के हॉकरों और स्टॉलों को हटाकर नये शिरे से एक नया रूप में तैयार किया जायेगा, जो डेढ़ साल के अंदर ही दर्शनार्थियों के लिए एक नये रूप में अति आकर्षण का केंद्र साबित होगा.
हॉकर, दुकान, स्टॉलों से घिरा है मंदिर परिसर: कालीघाट मंदिर घनी आबादी वाले अंचल में स्थित है, जो चारों तरफ से पूरा परिसर हॉकरों, दुकानों-स्टॉलों समेत पुजारियों की दुकानों से भरा है. ऐसे में दूर-दूर से आने वाले दर्शनार्थियों को पूजा देने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिसे देखते हुए नयी रूपरेखा के तहत इन खामियों को दूर करते हुए एक नये रूप में मंदिर का जीर्णोद्धार का कार्य शुरू किया जा रहा है. राज्य सरकार की ओर से कलकत्ता नगर निगम (केएमसी) कालीघाट मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य देख रही है.
व्यवसायियों के पुनर्वास के लिए बुधवार को होगी लॉटरी : कालीघाट मंदिर के नवीकरण का कार्य जल्द ही शुरू किया जायेगा, लेकिन इससे पहले कालीघाट मंदिर परिसर के अंदर व बाहर दुकानें लगाने वाले व्यवसायियों को जल्द कोलकाता नगर निगम पुनर्वासन की व्यवस्था की जायेगी. लॉटरी के माध्यम से पुनर्वासन की प्रक्रिया पूरी होगी. मेयर फिरहाद हकीम की उपस्थिति में बुधवार को निगम मुख्यालय में लॉटरी होगी और कालीघाट के व्यवासायियों को दुकानें लगाने के लिए अस्थायी रुप से जमीन दी जायेगी. कालीघाट मंदिर के पास लगभग 181 व्यवसायी हैं, जिन्हें निगम की ओर से पुनर्वास किया जायेगा.