सेल्फ हेल्प ग्रुप के जरिए युवकों को ऋण देगी सरकार
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बेरोजगार युवकों को स्वनिर्भर बनायेगी राज्य सरकार
सेल्फ हेल्प ग्रुप के जरिए युवकों को ऋण देगी सरकार कोलकाता : ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को खेती करने व अन्य कार्यों के लिए राज्य के सहकारिता विभाग की ओर से कम ब्याज पर ऋण प्रदान किया जाता है. अब इसी तर्ज पर सहकारिता विभाग ने शहरी क्षेत्रों के बस्तियों में रहनेवाले बेरोजगार युवकों को […]
कोलकाता : ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को खेती करने व अन्य कार्यों के लिए राज्य के सहकारिता विभाग की ओर से कम ब्याज पर ऋण प्रदान किया जाता है. अब इसी तर्ज पर सहकारिता विभाग ने शहरी क्षेत्रों के बस्तियों में रहनेवाले बेरोजगार युवकों को भी स्वनिर्भर बनाने की योजना बनायी है.
जानकारी के अनुसार, इस संबंध में सहकारिता विभाग के मंत्री अरूप राय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने प्रस्ताव पेश किया है और मुख्यमंत्री ने भी उनके इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है. इस योजना के बारे में मुख्य सचिव मलय कुमार डे को पूरी जानकारी दे दी गयी है और वह अभी प्रस्ताव की जांच कर रहे हैं.
योजना से बस्तियों में रहनेवाले 40 लाख युवकों को मिलेगा लाभ
जानकारी के अनुसार, इस योजना से काेलकाता व हावड़ा शहर के साथ-साथ उत्तर व दक्षिण 24 परगना जिले के शहरी क्षेत्रों में बस्तियों में रहनेवालों को इसका लाभ मिलेगा. जानकारी के अनुसार, सहकारिता विभाग ने अपने प्रस्ताव में कहा कि बस्तियों में रहनेवाले बेरोजगार युवकों को आसान शर्तों पर ऋण प्रदान किया जायेगा. इसके लिए विभाग ने बस्तियों में रहनेवाले बेरोजगार लोगों की संख्या व बेरोजगार युवकों की संख्या जानने के लिए समीक्षा कराया था, जिसका जिम्मा कोलकाता के एक प्रख्यात कॉलेज के आर्थिक नीति के अध्यापक को सौंपा गया था.
समीक्षा रिपोर्ट में पता चला है कि शहरी क्षेत्रों के बस्तियाें में लगभग 40 लाख बेरोजगार युवक हैं, जिनके रोजगार के लिए कृषि लोन की भांति सहज शर्तों पर कम ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया जायेगा. इस संबंध में मंत्री अरूप राय ने विभागीय सचिव एमवी राव सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की थी. अब बहुत जल्द इसे लेकर को-ऑपरेटिव बैंकों के साथ भी बैठक की जायेगी.
कृषि विकास सहकारिता समिति द्वारा कृषकों को खेती के लिए सात प्रतिशत की दर पर ऋण प्रदान किया जाता है और जो किसान तय समय के अंदर ऋण चुका देते हैं तो उनको ब्याज दर में चार प्रतिशत की छूट दी जाती है अर्थात् उनसे ऋण के लिए मात्र तीन प्रतिशत प्रत्येक वर्ष की दर से ब्याज लिया जाता है. वहीं, सेल्फ हेल्प ग्रुप को प्रति वर्ष 11 प्रतिशत ब्याज दर पर लोन दिया जाता है और तय समय पर राशि लौटाने से ब्याज का नौ प्रतिशत राज्य सरकार वापस कर देती है तो ऐसे में सेल्फ हेल्प ग्रुप के लिए मात्र दो प्रतिशत ही ब्याज दर लगता है.
ऐसे बनाना होगा सेल्फ हेल्प ग्रुप
इस योजना का लाभ उठाने के लिए बस्तियों के बेरोजगार युवकों को मिल कर सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाना होगा. एसएचजी में तीन तरह की कैटगरी होती है. 10, 15 व 20 सदस्यों का ग्रुप. 10 सदस्यों के ग्रुप को बैंक एवरेज से कम ग्रेडिंग देती है, जबकि 15 सदस्यों के समूह को औसत ग्रेडिंग और 20 सदस्यों के ग्रुप को अबोव एवरेज ग्रेडिंग. 20 सदस्यों से ज्यादा लोगों का समूह नहीं बनाना ही बेहतर होता है. सेल्फ हेल्प ग्रुप/ स्वयं सहायता समूह का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य नहीं होता.
बिना रजिस्ट्रेशन के ही बैंक में खाता खुल जाता है, इसलिए बस्तियों के युवकों को ग्रुप के सभी सदस्यों की तालिका बनानी होगी और इसे अपने पहचान पत्र के साथ सहकारिता विभाग में जमा करना होगा.
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