कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (इवीएम) से निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है. इसलिए इवीएम से मिला जनादेश, लोगों का जनादेश नहीं है. उन्होंने कहा कि 21 जुलाई को हमारी पार्टी की ओर से शहीद दिवस का पालन किया जाता है और इस आंदोलन की अपनी ही कहानी […]
कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (इवीएम) से निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है. इसलिए इवीएम से मिला जनादेश, लोगों का जनादेश नहीं है. उन्होंने कहा कि 21 जुलाई को हमारी पार्टी की ओर से शहीद दिवस का पालन किया जाता है और इस आंदोलन की अपनी ही कहानी है. यह आंदोलन हमने ‘ मतदाता पहचान पत्र नहीं, तो वोट नहीं ‘ के नारे के साथ किया था. अब इसी प्रकार से हमारा अगला आंदोलन इवीएम के खिलाफ होगा.
21 जुलाई से ‘इवीएम हटाओ, बैलेट पेपर वापस लाओ’ आंदोलन शुरू किया जायेगा. विपक्षी दलों से अपील करते हुए सुश्री बनर्जी कहा कि वे मतपत्रों के जरिये चुनाव करवाने की मांग संयुक्त रूप से करें. सुश्री बनर्जी ने कहा कि एक तथ्यान्वेषी समिति बननी चाहिये ताकि वह इवीएम का ब्यौरा तैयार कर सके. इवीएम पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि एक लाख इवीएम मशीनें गायब हैं. उनका क्या हुआ. इसकी जांच क्यों नहीं की गयी. इसके अलावा मतदान के दौरान जिन मशीनों को बदला गया वो निष्पक्ष मतदान के लिए प्रोग्राम्ड नहीं थीं, वह इवीएम एक खास पार्टी के लिए प्रोग्राम की गयी थीं.
ममता ने आगे कहा कि हमें इवीएम नहीं चाहिए, हम बैलट पेपर से मतदान चाहते हैं. उन्होंने लोकतंत्र बचाने के लिए बैलट पेपर को वापस लाने की मांग की. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इवीएम के खिलाफ पूरे देश में दूसरे राजनीतिक दलों के सहयोग से घर-घर अभियान चलायेंगी. उन्होंने कहा कि अमेरिका भी इवीएम को अलविदा कह चुका है. ममता ने कहा कि क्या उन्होंने (भाजपा) इवीएम मशीनें कुछ इस तरीके से प्रोग्राम्ड कर दी थी, कि वे 23 सीटें जीतने को लेकर आश्वस्त थे. ममता ने कहा कि वे सभी पार्टियों से आग्रह करती हैं कि इवीएम पर एक कमेटी बननी चाहिए, जो ऐसे मामलों की जांच करे.
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव का शोर खत्म होने के बाद अब ममता बनर्जी पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा कर रही हैं. इसी सिलसिले में उन्होंने सोमवार को पार्टी के नव निर्वाचित सांसदों, विधायकों और मंत्रियों को लेकर राज्य सचिवालय के पास बने नवान्न सभाघर में बैठक की. इस बैठक में मुख्यमंत्री ने पश्चिम बंगाल में भाजपा के बढ़ते जनाधार को रोकने के लिए कई आंदोलनों की रूप रेखा तैयार की.
इसके साथ ही भाजपा का मुकाबला करने के लिए मुख्यमंत्री ने 21 जुलाई तक राज्य के प्रत्येक ब्लॉक से लेकर गांवों तक जन संपर्क यात्रा चलाने का फैसला किया है. इसके लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जो जन संपर्क यात्रा के लिए रूट तैयार करेगी. इस कमेटी में पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद सुब्रत बक्शी, पार्थ चटर्जी, शुभेंदू अधिकारी, फिरहाद हकीम व अभिषेक बनर्जी को शामिल किया गया है.