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छुट्टी के आदेश के बावजूद खुले हुए हैं कुछ स्कूल

चुनाव व लंबी छुट्टियों के कारण बच्चों की पढ़ाई व स्कूलों का कामकाज हो रहा प्रभावित स्कूल संचालकों ने की शिकायत कोलकाता : चक्रवाती तूफान फोनी के मद्देनजर राज्य के सभी स्कूलों में पहले 3 व 4 मई को स्कूल बंद रखने का आदेश दिया गया था. इसके बाद माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी किये […]

चुनाव व लंबी छुट्टियों के कारण बच्चों की पढ़ाई व स्कूलों का कामकाज हो रहा प्रभावित

स्कूल संचालकों ने की शिकायत
कोलकाता : चक्रवाती तूफान फोनी के मद्देनजर राज्य के सभी स्कूलों में पहले 3 व 4 मई को स्कूल बंद रखने का आदेश दिया गया था. इसके बाद माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी किये गये दूसरे नोटिस में राज्य के सभी सरकारी, सरकारी अनुदान प्राप्त, स्पोंसर्ड व अनएडेड स्कूलों को भी राज्य में चिलचिलाती गर्मी की वजह से 6 मई से 30 जून तक स्कूलों में अवकाश रखने का निर्देश गत 2 मई को जारी किया गया था, लेकिन कुछ स्कूल सरकार के इस आदेश की अवहेलना कर रहे हैं.
कुछ अनुदान प्राप्त स्कूल अब भी खुले हैं. इसमें श्री जैन विद्यालय, ज्ञान भारती, माहेश्वरी विद्यालय, श्री विशुद्धानंद सरस्वती विद्यालय व दक्षिण कोलकाता के कुछ स्कूल शामिल हैं. कुछ स्कूल संचालकों का कहना है कि दो महीने की छुट्टी देने से स्कूलों का कामकाज पूरी तरह ठप हो जायेगा.
सरकार के सभी आदेशों का पालन करना संभव नहीं है. कई निजी स्कूल व डीए गेटिंग स्कूल अपनी सुविधा के हिसाब से स्कूल खुले रखते हैं. उनका कहना है कि स्कूल में बच्चों के यूनिट टेस्ट की तैयारी करनी होती है. उसकी रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में भेजनी होती है. सभी चीजों में संतुलन बनाये रखने के लिए जरूरी है कि स्कूल खुले रहें. दो महीने की छुट्टी का मतलब है, बच्चों की पढ़ाई चाैपट करना. ऐसा करने से अभिभावक भी नाराज हो जाते हैं. कई अभिभावक खुद अपील करते हैं कि समर वैकेशन बहुत सीमित दायरे में रखी जाये.
निजी स्कूल की एक प्रिंसिपल ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हमारा स्कूल सरकारी अनुदानप्राप्त या डीए गेटिंग स्कूल में नहीं आता है. सरकार या शिक्षा विभाग द्वारा जारी सभी नियमों का पालन करना हमारे लिए संभव नहीं है. वैसे हमारे स्कूल में एसी की व्यवस्था है, बच्चों को कोई तकलीफ नहीं होती है. अच्छी शिक्षा के लिए नियमित क्लास जरूरी है. हमारे यहां 15 मई से 16 जून तक ही अवकाश होगा.
आइए जानते हैं अन्य कुछ स्कूल हेडमास्टरों की राय :
सुकुमार महापात्रा, प्रिंसिपलश्री जैन विद्यालय : सरकार ने भीषण गर्मी की वजह से स्कूल में अवकाश रखने की घोषणा की है, लेकिन हमारे स्कूल में बच्चों के लिए एसी क्लास व गर्मी के हिसाब से कई पेय पदार्थों की व्यवस्था है, उनको कोई परेशानी नहीं होती है. दो महीने की छुट्टी का मतलब है, बच्चों की पढ़ाई का नुकसान. कोई बीच का रास्ता तो निकालना ही पड़ेगा. इस हिसाब से स्कूल खुला रखा गया. हमारे स्कूल में 17 मई से 20 जून तक अवकाश रहेगा.
ओपी पांडेय, प्रिंसिपल, श्री विशुद्धानंद सरस्वती विद्यालय : हमारा स्कूल प्राइवेट है. हमको बच्चों की पढ़ाई भी देखनी है. वैसे हमारे स्कूल में 20 मई से 20 जून तक समर वैकेशन रखने का शिड्यूल है. अभी तक तो यही शिड्यूल है लेकिन अब स्कूल में पैरामिलिट्री फोर्स का कब्जा हो गया है. 11 मई से 22 मई तक उनका एकोमोडेशन स्कूल में ही रहेगा. स्कूल में पोलिंग-बूथ भी रहेगा व सेना के जवान के जवान भी ठहरेंगे. इसका पढ़ाई पर असर तो पड़ेगा ही.
अजय कुमार पांडेय, हेडमास्टर, टांटिया हाईस्कूल : हमारे स्कूल में 20 मई से 20 जून तक गर्मी की छुट्टी होनी थी, लेकिन अब 11 मई से छुट्टी की घोषणा की गयी है. स्कूल में 11 मई से ही पैरामिलिट्री फोर्स का कब्जा रहेगा. कल से स्कूल बंद रहेगा. लंबी छुट्टी होने से कामकाज व पढ़ाई पर तो असर पड़ता ही है. फस्ट टर्म के टेस्ट की तैयारी करने में भी समस्या होगी.
अरविंद राय, हेडमास्टर, हावड़ा शिक्षा निकेतन : लगभग 80 प्रतिशत सरकारी स्कूलों में तो चुनाव के चलते सेना का कब्जा है. स्कूल अपनी सुविधा के हिसाब से समर वैकेशन कर रहे हैं. हमारे स्कूल में भी 17 मई से 14 जून तक अवकाश रखने का शिड्यूल है. अभी भीषण गर्मी को देखते हुए कुछ कहा नहीं जा सकता है.

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