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किसी के आने-जाने से तृणमूल की सेहत पर फर्क नहीं पड़ने वाला : सुदीप

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के सांसद व वरिष्ठ नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने साफ कहा कि तृणमूल कांग्रेस ममता बनर्जी के आदर्शों पर चलनेवाली पार्टी है. इसमें किसी के आने- जाने से कोई फर्क नहीं पड़नेवाला है, क्योंकि पार्टी ममता बनर्जी के दिखाये रास्ते पर चल रही है और खुद ममता बनर्जी अभी मौजूद हैं, जो […]

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के सांसद व वरिष्ठ नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने साफ कहा कि तृणमूल कांग्रेस ममता बनर्जी के आदर्शों पर चलनेवाली पार्टी है. इसमें किसी के आने- जाने से कोई फर्क नहीं पड़नेवाला है, क्योंकि पार्टी ममता बनर्जी के दिखाये रास्ते पर चल रही है और खुद ममता बनर्जी अभी मौजूद हैं, जो लोगों के हितों के बारे में सोचती हैं.
सुदीप बंद्योपाध्याय यह बात तारापीठ दौरे के दौरान कही. वह अपनी पत्नी और तृणमूल कांग्रेस की विधायक नयना बंद्योपाध्याय के साथ दर्शन करने पहुंचे थे. पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि क्या आप को नहीं लगता कि तृणमूल कांग्रेस के कई नेता भाजपा में जाने के लिए अपना पांव बढ़ा दिये हैं. इस पर उन्होंने कहा कि पांव क्या मुझे कोई हाथ भी नहीं दिखाई देता है कि कोई भाजपा में जाना चाहता है.
सबको पता है बंगाल में ममता बनर्जी हैं जो सबका हित सोचती हैं. इस बार भी उससे जुदा कुछ नहीं होगा. सब लोग ममता के साथ हैं. अलबत्ता ममता बनर्जी ने जो नारा दिया है 2019-बीजेपी फिनिश तो वही सच होगा. लोग ममता बनर्जी और उनकी पार्टी आल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के साथ हैं.
सुदीप बीता अनुभव बता रहे हैं : संजय सिंह
कोलकाता : बंगाल में सभी लोग ममता के साथ हैं का बयान देनेवाले तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सासंद सुदीप बंद्योपाध्याय के बयान पर प्रदेश भाजपा के महासचिव संजय सिंह ने खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि सुदीप बनर्जी बिल्कुल सही कह रहे हैं, क्योंकि उनको ममता बनर्जी के साथ बीते दिनों का अनुभव याद है.
इसलिए वह ममता की चारणवंदना के अलावा कुछ नहीं कर सकते. सुदीप बंद्योपाध्याय यह भूल गये हैं कि आज वक्त और हालात दोनों बदल गये हैं, क्योंकि अपनी निष्पक्ष व जुझारु छवि के कारण आम जनता ने उनको क्षमता पर पहुंचाया था. उस वक्त ममता बनर्जी के साथ पंकज बनर्जी, अजीत पांजा और खुद सुदीप बंद्योपाध्याय जैसे कर्मठ लोग थे, लेकिन ममता बनर्जी ने इन तीनों नेताओं के अलावा अन्य नेताओं के साथ जो सलूक किया था. वह जग जाहिर है.
खुद तृणमूल कांग्रेस के नेता और नेतृत्व देने वाले सुदीप को तृणमूल छोड़ कांग्रेस की शरण क्यों लेनी पड़ी थी इसका वह खुलासा करेंगे? क्या वह बतायेंगे कि जोड़ा फूल का प्रतीक लेकर अजीत पांजा के साथ फोटो खिंचाने वाली ममता बनर्जी के आचरण से अजीत पांजा को फूट-फूट कर क्यों रोना पड़ा? पंकज बनर्जी क्यों पार्टी से दूर होकर गुमनामी में हाल ही में गुजर गये.
संजय सिंह ने कहा कि सुदीप बंद्योपाध्याय को पता है कि उनके लिए ममता बनर्जी के अलावा कोई विकल्प नहीं है, लेकिन बंगाल की जनता जानती है कि बंगाल में भाजपा यहीं के धरती पुत्र डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी को पहचान गयी है और वह उनके पदचिन्हों पर चल रही है.
लिहाजा यहां की जनता ने कांग्रेसी आतंक से निजात पाने के लिए लाल को चुना और लाल आंतक से मुक्त होने के ममता को चुना, लेकिन अब इस जनता को पता चल गया है कि यह सरकार प्रमोटरों और गुंडों की है, इसलिए इस आतंक से मुक्त होने के लिए भूमि पुत्र डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के पदचिन्हों पर चलना चाह रहे हैं.
ऐसे में सुदीप बंद्योपाध्याय अपनी वफादारी साबित करना चाहते हैं. संजय सिंह ने कहा कि अपने बीते अनुभव से सीख लेकर सुदीप बंद्योपाध्याय इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं. इससे भाजपा की सेहत पर कोई असर नहीं पड़नेवाला. अगला लोकसभा चुनाव का नतीजा बता देगा कि बंगाल की जनता किस तरह की बदलाव चाहती है.

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