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दिसंबर तक 2.37 लाख करोड़ का होगा डिजिटल व्यापार, ऑनलाइन यात्रा उद्योग का डिजिटल वाणिज्य बाजार पर 54 प्रतिशत की होगी हिस्सेदारी

कोलकाता : इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आइएएमएआइ) ने कहा कि इस वर्ष दिसंबर के अंत तक 2018 तक भारत में डिजिटल व्यापार 2.37 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसकी वजह यात्रा, इ-कॉमर्स और उपयोगिता सेवा जैसे क्षेत्रों में अच्छी वृद्धि का होना होगा. इस औद्योगिक निकाय ने आइएमआरबी कंटार के […]

कोलकाता : इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आइएएमएआइ) ने कहा कि इस वर्ष दिसंबर के अंत तक 2018 तक भारत में डिजिटल व्यापार 2.37 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसकी वजह यात्रा, इ-कॉमर्स और उपयोगिता सेवा जैसे क्षेत्रों में अच्छी वृद्धि का होना होगा. इस औद्योगिक निकाय ने आइएमआरबी कंटार के साथ अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2011 से 2017 के बीच डिजिटल व्यापार साल दर साल 34 फीसदी की दर से बढ़ा.
दिसंबर 2017 को समाप्त वर्ष में 2.04 लाख करोड़ रुपये था. रिपोर्ट में कहा गया है, इस वर्ष दिसंबर 2018 तक यह 2,37,124 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है. रिपोर्ट के अनुसार, इस वृद्धि में ऑनलाइन यात्रा उद्योग का डिजिटल वाणिज्य बाजार की 54 प्रतिशत हिस्से (1.10 लाख करोड़ रुपये) की हिस्सेदारी है. यात्रा श्रेणी के भीतर, घरेलू हवाई टिकट और रेलवे बुकिंग शीर्ष योगदानकर्ताओं में रही है, जबकि बस/कैब बुकिंग का योगदान 5,174 करोड़ रुपये का है.
गैर-यात्रा खंड में, इ-टेल का योगदान 73,845 करोड़ रुपये का है, जिसके बाद उपयोगिता सेवाओं का योगदान 10,201 करोड़ रुपये और शादी विवाह और वर्गीकृत का योगदान 3,689 करोड़ रुपये का है. अन्य ऑनलाइन सेवा बाजार, जिनमें मनोरंजन, ऑनलाइन किराने और ऑनलाइन खाद्य वितरण के लिए ऑनलाइन बुकिंग शामिल हैं, इनका कारोबार 6,060 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.
इसमें कहा गया है कि ऑनलाइन किराने की डिलीवरी इस खंड में 2,200 करोड़ रुपये के बाजार मूल्य के साथ शीर्ष योगदानकर्ता है. यह पूरा का पूरा खंड दिसंबर 2018 में 7,800 करोड़ रुपये हो जाने की उम्मीद है.
सेक्टर आंकड़ा
  • ऑनलाइन यात्रा उद्याेग : 1.10 लाख करोड़
  • इ-टेल : 73,825 करोड़ रुपये
  • उपयोगिता सेवाएं : 10,201 करोड़ रुपये
  • शादी विवाह व वर्गीकृत : 3,689 करोड़ रुपये
  • ऑनलाइन सेवा बाजार : 6,060 करोड़ रुपये
  • ऑनलाइन किराने की डिलीवरी : 2200 करोड़ रुपये
रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरी भारत में दिसंबर 2017 को 29.5 करोड़ लोग ऑनलाइन थे. मोबाइल इंटरनेट सेवाओं के मूल्य में तेज गिरावट के साथ ऑनलाइन उपयोगकर्ताओं की संख्या और ऑनलाइन गतिविधि और जुड़ाव के स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इंटरनेट के विकास ने विभिन्न ऑनलाइन कारोबार के अवसर तैयार किये हैं और डिजिटल शॉपिंग ऐसा एक ऐसा क्षेत्र है, जहां गतिविधि और संलग्नता स्तर में वृद्धि देखी गयी है. बाद में भारतीय शॉपिंग का पूरा तंत्र भारी बाधाओं का सामना कर रहा है. हालांकि खरीदारी की पारंपरिक पद्धति अब भी मजबूत है, डिजिटल मीडिया का उपयोग करके खरीद-फरोख्त भारतीय ग्राहकों में तेजी से जोर पकड़ रहा है.

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