Advertisement
कश्मीरी छात्रों को इमाम ने पढ़ाया देश भक्ति का पाठ
कोलकाता : मो बजहाद, शेख शाहिद, मेहराजदीन जैसे हजारों कश्मीरी बच्चे हैं, जो कश्मीर के बाहर की दुनिया को नहीं जानते और सियासतजदां लोगों के हाथों की कठपुतली बनकर अपने हाथों में पत्थर उठा लेते हैं. वही पत्थर देनेवाले आका बाद में उनके हाथों में हथियार थमा देते हैं. जेहाद के नाम पर भटके युवाओं […]
कोलकाता : मो बजहाद, शेख शाहिद, मेहराजदीन जैसे हजारों कश्मीरी बच्चे हैं, जो कश्मीर के बाहर की दुनिया को नहीं जानते और सियासतजदां लोगों के हाथों की कठपुतली बनकर अपने हाथों में पत्थर उठा लेते हैं. वही पत्थर देनेवाले आका बाद में उनके हाथों में हथियार थमा देते हैं. जेहाद के नाम पर भटके युवाओं को संदेश देने के लिए भारत सरकार की एक के बाद एक योजनाएं हैं.
इसी कड़ी में मो बजहाद, शेख शाहिद, मेहराजदीन जैसे 30 छात्र ‘भारत को जानो’ की कड़ी में कश्मीर के बाहर की दुनिया में कदम रखा तो उनके मुंह से बरबस निकल गया ‘ जान से भी प्यारा है मेरा मादरे वतन हिंदुस्तान.’ नेहरू युवा केंद्र की और से इन बच्चों को कोलकाता लाया गया. पिछले कई दिनों से ये बच्चे महानगर के विभिन्न हिस्सों में घूम रहे हैं.
लोगों से मिल रहे हैं और यह देख रहे हैं कि भारत की जो तस्वीर उनके सामने कश्मीर के सियासत में जुड़े नेता पेश करते हैं, उसकी हकीकत क्या है. लोग उनसे नफरत नहीं, बल्कि बेपनाह प्यार करते हैं. उनके इस प्यार में कोई बनावट या दिखावा नहीं है. विक्टोरिया मेमोरियल, इंडियम म्यूजियम व स्वामी विवेकानंद का जन्मस्थान देखने के बाद ये छात्र अपने कौम के लोगों से इस देश का नजरिया जानने के लिए कोल्हूटोला स्थित नाखुदा मस्जिद पहुंचे.
मस्जिद के इमाम शफीक साहब ने इन बच्चों का इस्तकबाल करते हुए इनकी सेहत की दुआ की. इसके बाद इन बच्चों के जेहन में आये सवालों का जवाब देते हुए मौलाना शफीक ने अपने तकरीर में कहा कि आप लोग कश्मीर का भविष्य हैं और आप ही हिंदुस्तान का भविष्य हैं. कश्मीर की तरक्की अलग होने अथवा पाकिस्तान के साथ जाने में नहीं है. बल्कि भारत अपना मादरे वतन है और इसी के साथ रहने में ही अमन-चैन और तरक्की है.
उन्होंने कहा कि वह आधी दुनिया की सैर कर चुके हैं और उनके पास जो अनुभव है, उसके मुताबिक हिंदुस्तान में मुसलमान जितना सुरक्षित और तरक्की कर रहा है, वह विश्व के किसी और मुल्क में नहीं है. नौजवानों को इस बात की सच्चाई अपनी आंखों से देखनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ युवा गुमराह जरूर हुए हैं और उन्हें मुख्यधारा में आना चाहिए. बातचीत के दौरान कश्मीर से आये छात्रों ने कहा कि उनके साथ पुलिस और सुरक्षा बलों के साथ कई कड़वे अनुभव हैं.
लिहाजा कुछ लोग भटक जाते हैं. जवाब में इमाम साहब ने कहा कि जब आप किसी को पत्थर से मारेंगे और हथियार से किसी की हत्या करेंगे, तो उनके हाथ में भी हथियार होता है. और वे भी उनका ही इस्तेमाल करते हैं. इस तरह की हरकत से केवल हिंसा बढ़ती है. लिहाजा दोनों पक्षों को समझदारी और आपसी भाईचारे की भावना से काम करना चाहिए.
तभी देश तरक्की करेगा और खुद का विकास होगा. इस मौके पर समाजसेवी अनवर खान, आशीष बनर्जी, शिवाजी सिंह राय, शंकर सरकार समेत कई लोग थे जो बच्चों को घूमाते हुए उनको इस देश की मोहब्बत व इंसानियत का अहसास करा रहे थे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement