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भाजपा का बंगाल बंद 26 को, ममता बनर्जी ने कहा, बंद का शांतिपूर्ण ढंग से होगा मुकाबला
इस्लामपुर की घटना को लेकर गरमायी राजनीति आरएसएस ने भी किया बंगाल बंद का समर्थन घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की कोलकाता : उत्तर दिनाजपुर के इस्लामपुर की घटना के विरोध में प्रदेश भाजपा ने 26 सितंबर बुधवार को 12 घंटे के बंगाल बंद का एलान किया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस […]
इस्लामपुर की घटना को लेकर गरमायी राजनीति
आरएसएस ने भी किया बंगाल बंद का समर्थन
घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की
कोलकाता : उत्तर दिनाजपुर के इस्लामपुर की घटना के विरोध में प्रदेश भाजपा ने 26 सितंबर बुधवार को 12 घंटे के बंगाल बंद का एलान किया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस बंद को पूरा समर्थन देने की घोषणा की है.
कोलकाता प्रेस क्लब में शनिवार को आरएसएस के दक्षिण बंगाल के प्रचारक जिश्नू बसु ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस घटना को लेकर राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी से इस्तीफे की मांग की. आरएसएस ने कहा कि घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, ताकि सरकार की मंशा का खुलासा हो सके. ममता सरकार की कोई ममता छात्रों को नहीं मिली है.
प्रदेश भाजपा मुख्यालय में राज्य पार्टी महासचिव प्रताप बनर्जी ने कहा कि सरकार के दलित विरोधी और तुष्टिकरण की नीति के खिलाफ बंद का एलान किया गया है. प्रताप बनर्जी ने राज्य सरकार पर इस्लामपुर क्षेत्र में स्थिति नियंत्रित करने में विफल रहने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा: हमने इस्लामपुर क्षेत्र में पुलिस गोलीबारी में दो व्यक्तियों की मौत के खिलाफ राज्य में 12 घंटे के बंद का आह्वान करने का फैसला किया है. इस्लामपुर और पूरे राज्य के लोग बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के कुशासन से तंग आ गये हैं. और बंद जनविरोधी सरकार के खिलाफ लोगों के आक्रोश की अभिव्यक्ति होगा.
गौरतलब है कि उत्तर दिनाजपुर के इस्लामपुर के दड़ीभीट हाइस्कूल में बांग्ला भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर दो साल से आंदोलन चल रहा था. इसी बीच, अचानक दो उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति हो गयी.
स्कूल में उर्दू के छात्रों की संख्या बेहद कम है. अचानक उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति होने से स्कूल के छात्र, अभिभावक व स्थानीय लोग भड़क गये. लोग विरोध प्रदर्शन करने लगे. 20 सितंबर को प्रदर्शन इतना व्यापक हो गया कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा. उस दौरान गोली चली, जिसमें दो छात्रों की मौत हो गयी. मृत छात्रों को दलित करार देते हुए आरएसएस ने मोर्चा खोल दिया है. पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार ने कहा था कि इस भीड़ के पास बम और हथियार थे और झड़प में 14 पुलिसकर्मी घायल हो गये. इस घटना के सिलसिले में सात लोग हिरासत में लिये गये जिनमें से कुछ भाजपा समर्थक हैं.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने शुक्रवार को इस घटना की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि उस स्कूल के विभिन्न सामान को तोड़ दिया जा रहा है.
सभी प्रमाण को नष्ट कर दिया जा रहा है, ताकि लोगों के सामने सच्चाई सामने नहीं आये. सिर्फ इतना ही नहीं, इस मामले में भाजपा और विरोधी दलों के खिलाफ मामला दायर कर उनको परेशान किया जा सके, इसकी पूरी तैयारी चल रही है. लिहाजा इसकी निष्पक्ष जांच जरूरी है.
दूसरी ओर, इस्लामपुर में मृत छात्रों को अपने संगठन का सदस्य बताते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने शनिवार को जगह-जगह पथावरोध किया. श्यामबाजार में लोग सड़क जाम करने के लिए एवीबीपी का बैनर-पोस्टर लेकर सड़क पर उतरे. उन्हें पुलिस ने हटा दिया. उल्टाडांगा में प्रदेश भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष देवजीत सरकार व उपाध्यक्ष सुनील सोनकर के अलावा मानव शर्मा के नेतृत्व में लोगों ने पथावरोध किया. यहां पर पुलिस व आंदोलनकारियों में झड़प हो गयी. पुलिस ने मौके से 51 आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया.
कोलकाता : बंद का शांतिपूर्ण ढंग से होगा मुकाबला: ममता बनर्जी
मिलान/कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस्लामपुर की घटना को लेकर प्रशासन को गंभीरता से मामले को देखने का निर्देश दिया है. साथ ही मुख्यमंत्री ने 26 सितंबर को भाजपा के 12 घंटे के बंगाल बंद के संबंध में शनिवार को कहा : कोई जबरन बंद कराना चाहेगा तो हम उसका शांतिपूर्ण मुकाबला करेंगे.
कोई बंद नहीं होगा. उन्होंने कहा कि यह घटना (इस्लामपुर मामला) एक बड़ी साजिश की तरफ इशारा कर रही है. वहां आरएसएस ने संस्कृत शिक्षक की नियुक्ति की मांग को लेकर हंगामा करवाया है. जिस तरह से मौके पर मुंह पर गमछा बांध कर गोली चलायी गयी, उसकी जांच होगी. कोई नहीं बचेगा.
ममता ने भगवा संगठनों से ‘इस मुद्दे पर राजनीति कर आग से न खेलने’ को कहा और राज्य के लोगों से अपील की कि वे बंद को विफल करें तथा भाजपा और आरएसएस की राजनीति पर ध्यान न दें.
ममता ने कहा: भाजपा और आरएसएस गिद्ध की तरह हैं जो मौत का इंतजार करते हैं और फिर उस पर राजनीति करना शुरू कर देते हैं. यहां तक कि वे छात्रों की मौत के साथ राजनीति करते हैं. पहले वे हत्या करते हैं और फिर मृत व्यक्ति के खून से होली खेलते हैं. निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए यूरोप के आधिकारिक दौरे पर गयीं तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने शनिवार को इटली के मिलान शहर में कहा: भाजपा और आरएसएस को जवाब देना चाहिए कि क्यों दोनों छात्र क्यों मारे गये.
जब तक वे जवाब दें, मैं अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से इस मुद्दे पर लड़े बिना अपने-अपने इलाकों में शांतिपूर्ण बैठकें और रैली करने के लिए कहती हूं. ममता ने कहा कि राज्य सरकार ने दरिभीत स्कूल में उर्दू शिक्षक नियुक्त किए क्योंकि स्कूल प्रशासन की ओर से इसका अनुरोध किया गया था.
उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति के खिलाफ प्रदर्शन के पीछे के तर्क पर सवाल करते हुए ममता ने आरोप लगाया कि भाजपा ने मुहर्रम के दौरान राज्य में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश की. उन्होंने कहा : पूरा मामला भाजपा द्वारा सुनियोजित था क्योंकि उन्होंने मुहर्रम के दौरान दंगे भड़काने की योजना बनायी थी. भाजपा 18 सितंबर से इसकी कोशिश कर रही है.
अगर संस्कृत शिक्षक की नियुक्ति में कोई दिक्कत नहीं है तो उर्दू शिक्षक पर क्या दिक्कत है? मैं उन लोगों की निंदा करता हूं जिन्होंने इस मुद्दे को सांप्रदायिक बताया. मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों को अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए, कि इस पर कि नियुक्त शिक्षक कौन हैं. झड़प पर पुलिस की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए ममता ने कहा कि जिन गोलियों से छात्रों की मौत हुई, वे पुलिस ने नहीं चलायी थीं.
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