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हावड़ा : हावड़ा में भी रिवर प्रोटेक्शन फोर्स का होगा गठन

गंगा घाटों पर हो रही दुर्घटनाओं को रोकने की कोशिश कोलकाता के नॉर्थ पोर्ट पुलिस के भरोसे रहती है हावड़ा सिटी पुलिस जे कुंदन हावड़ा : हावड़ा शहर के विभिन्न गंगा घाटों पर हो रही दुर्घटना को रोकने के लिए अब हावड़ा सिटी पुलिस कोलकाता पुलिस की तरह रिवर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन करने जा […]

गंगा घाटों पर हो रही दुर्घटनाओं को रोकने की कोशिश
कोलकाता के नॉर्थ पोर्ट पुलिस के भरोसे रहती है हावड़ा सिटी पुलिस
जे कुंदन
हावड़ा : हावड़ा शहर के विभिन्न गंगा घाटों पर हो रही दुर्घटना को रोकने के लिए अब हावड़ा सिटी पुलिस कोलकाता पुलिस की तरह रिवर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन करने जा रही है. इसकी पूरी तैयारियां कर ली गयी है. बहुत जल्द इस फोर्स का गठन हो जायेगा. शुरूआती चरणों में करीब 250 से अधिक कर्मचारी यहां मौजूग रहेंगे. इनकी निगरानी शहर के उन गंगा घाटों में रहेगी, जहां आये दिन डूबने से लोगों की जान जाती है.
फोर्स में गोताखोर के अलावा स्वीमर भी रहेंगे. साथ ही डूबने वाले व्यक्ति की प्राथमिक इलाज तुरंत किया जाये, इसकी भी ट्रेनिंग भी इनलोगों को दी जा रही है. इन्हें बताया जा रहा है कि कैसे एक व्यक्ति को आक्सीजन देना चाहिए, ताकि वह तुरंत होश में आये. ये सारे ट्रेनिंग शिवपुर पुलिस लाइन में दी जा रही है. जानकारी के अनुसार, 50 गोताखोरों के लिए तैराकी उपकरण भी राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध करा दिया गया है.
सिटी पुलिस के अंतर्गत कुल 64 घाट
हावड़ा सिटी पुलिस के अंतर्गत कुल 64 गंगा घाट है, जिसमें बड़े घाटों की संख्या करीब 20 है. इन घाटों में लोगों की भीड़ जुटती है. साथ ही यहां से लॉच सेवा भी उपलब्ध है. आये दिन नहाने के दाैरान लोगों की मौत डूबने से हो रही है. हावड़ा सिटी पुलिस के पास कोलकाता पुलिस की तरह रिवर ट्रैफिक पुलिस नहीं है. हावड़ा के गंगा घाटों पर घटना घटने के बाद पुलिस को नार्थ पोर्ट पुलिस के भरोसे रहना पड़ता है. ऐसे में समय बहुत अधिक बरबाद होता है. इसी समस्या को दूर करने के लिए हावड़ा सिटी पुलिस भी रिवर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन कर रही है.
शहर के सभी महत्वपूर्ण घाटों को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जायेगा. फोर्स की पूरी नजर इन घाटों पर बनी रहेगी, ताकि कोई भी अप्रिय घटना घटने से तुरंत ऑपरेश्न शुरू किया जा सके. वर्तमान में हावड़ा सिटी पुलिस के पास गोताखोर भी नहीं है. सिर्फ चार स्टीमर हैं लेकिन चालक नहीं है.
पिछले कुछ वर्षों से नहाने के दौरान डूबने की घटना में बढ़ोतरी हुई है. हाल ही में गोलाबाड़ी थाना अंतर्गत नमक गोला घाट में दो महिलाएं नहाने के समय डूब गयी.
बेलूड़ मठ घाट पर एक महाराज का निधन गंगा घाट में डूबने से हुआ था. साथ ही रामकृष्णपुर घाट, तेलकल घाट, बांधाघाट के अलावा अन्य घाटों में नहाने के दौरान अक्सर डूबकर मारे जाने की घटनाएं घट रही हैं. जानकारों की मानें तो गंगा का किनारा टूट रहा है. इस कारण कई बड़े गढ़्ढे बन रहे हैं. अचानक ज्वार आने से गंगा में नहा रहे लोग अपना नियंत्रण खो बैठते हैं. गढ़्ढ़ों में गिरने के कारण वह पानी की बहाव में बह जाते हैं.
गंगा घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था दुरूस्त करने के लिए इस फोर्स का गठन किया जा रहा है. घाटों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे. घाटों पर कोई अप्रिय घटना घटने से फोर्स के जवान बिना देर किये वहां पहुंच जायेंगे आैर राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया जायेगा.
डॉ तन्मय राय चाैधरी, पुलिस आयुक्त.

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