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गजानन वर्मा के गीतों से गुलजार हुआ परिषद सभागार
कोलकाता : ”पौ फाटी जद बाेलण लाग्या पांख-पखेरू पीपल-डाल”,” फागन आयौ रे हठीला म्हारी बाजै बंगड़ी”, ”बाजरै की रोटी पोई फोफलियां रौ साग जी” जैसे गीतों से शनिवार को भारतीय भाषा परिषद सभागार गुलजार हो गया. महानगर के जाने-माने लोगों ने राजस्थान के जन-कवि गजानन वर्मा की गीतों की प्रस्तुति दी. उल्लेखनीय है कि खेत-खलिहान, […]
कोलकाता : ”पौ फाटी जद बाेलण लाग्या पांख-पखेरू पीपल-डाल”,” फागन आयौ रे हठीला म्हारी बाजै बंगड़ी”, ”बाजरै की रोटी पोई फोफलियां रौ साग जी” जैसे गीतों से शनिवार को भारतीय भाषा परिषद सभागार गुलजार हो गया. महानगर के जाने-माने लोगों ने राजस्थान के जन-कवि गजानन वर्मा की गीतों की प्रस्तुति दी. उल्लेखनीय है कि खेत-खलिहान, नारी-मन व ग्रामीण जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूती यह कविताएं राजस्थान के घरों में आज लोगों को आनंदित करती हैं.
राजस्थानी कवियों की कविताओं की एक श्रंखला राजस्थानी प्रचारिणी सभा की ओर से आयोजित की जायेगी. इसी कड़ी में परिषद सभागार में यह आयोजन आरंभ किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि संरक्षक पवन कुमार कानोड़िया उपस्थित थे. उनके साथ राजस्थानी प्रचारिणी सभा के अध्यक्ष रतन शाह, सांस्कृतिक समिति के अध्यक्ष सूर्य प्रकाश बागला, उपाध्यक्ष प्रह्लाद गोयनका व प्रमोद शाह आदि शामिल थे.
इस अवसर पर सुंदर पारख, नीता सिघंवी, सरिता बेगानी, चंद्रशेखर लखोटिया, विमल नौलखा, विश्वनाथ चांडक, शांति लाल जैन ने गजानन वर्मा की कविताओं का वाचन किया. सभागार के गणमान्य अतिथियों में भारतीय भाषा परिषद के मंत्री नंद लाल शाह, आत्माराम सोंथालिया, सीताराम शर्मा, रावेल पुष्प, मनोविकास केंद्र की संस्थापक डा शारदा फतेहपुरिया आदि शामिल थीं.
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