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सांसदों को आवंटित कुल राशि का 80 प्रतिशत खर्च किया गया

कोलकाता : केंद्र सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल सांसद कोटे की राशि (मेंबर ऑफ पार्लियामेंट लोकल एरिया डेवलपमेंट स्कीम- एमपीलैड्स) खर्च करने में प्रथम स्थान पर है. जानकारी के अनुसार, सांसदों को आवंटित कुल राशि का 80 प्रतिशत खर्च किया जा चुका है या उस राशि से विभिन्न योजनाओं का […]

कोलकाता : केंद्र सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल सांसद कोटे की राशि (मेंबर ऑफ पार्लियामेंट लोकल एरिया डेवलपमेंट स्कीम- एमपीलैड्स) खर्च करने में प्रथम स्थान पर है. जानकारी के अनुसार, सांसदों को आवंटित कुल राशि का 80 प्रतिशत खर्च किया जा चुका है या उस राशि से विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन जारी है. एमपीलैड्स की राशि से सड़क, फुटपाथ व ब्रिज बनाने में बंगाल प्रथम स्थान पर है. वहीं, सिर्फ परिवहन सेक्टर में 2863 योजनाओं को मंजूरी दी गयी है.
स्वास्थ्य पर खर्च करने में बंगाल नंबर टू
स्वास्थ्य के क्षेत्र में सांसद कोटे की राशि खर्च करने में बंगाल दूसरे स्थान पर है. अब तक स्वास्थ्य विभाग के 223 परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी है. साथ ही एमपीलैड्स के रुपये से अब तक बंगाल में 117 एंबुलेंस उतारे गये हैं. साथ ही सांसद कोटे की राशि से ही राज्य के 25 से भी अधिक सरकारी अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्रों के नये भवन का निर्माण व पुराने भवनों की मरम्मत की गयी है.
वहीं, परिवार कल्याण विभाग में इस राशि से 34 परियोजनाओं पर कार्य जारी है. शिक्षा क्षेत्र में सांसद कोटे की राशि खर्च करने में पूरे देश में द्वितीय स्थान पर है. बंगाल में एमपीलैड्स की राशि से सिर्फ शिक्षा क्षेत्र में 570 परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है. बंगाल के 168 सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल व 105 शिक्षण संस्थानों के नये भवन व होस्टल का निर्माण व पुनर्विकास कार्य सांसद कोटे की राशि से की गयी है. कई स्कूलों में एमपीलैड्स के रुपये से कंप्यूटर सिस्टम लगाये गये हैं, जिसका लाभ यहां के छात्रों को मिल रहा है.
गौरतलब है कि बंगाल के कुल 42 सांसदों में से 34 सांसद अर्थात् लगभग 81 प्रतिशत सांसद तृणमूल कांग्रेस के हैं और सांसद कोटे की राशि खर्च करने की तालिका में तृणमूल कांग्रेस के सांसद ही आगे हैं.

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