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इंजीनियरिंग कोर्स के दाखिले के लिए छात्रों को छूट

कोलकाता : सेल्फ-फिनान्स्ड व सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों पर नियंत्रण रखने का काम राज्य तकनीकी यूनिवर्सिटी का है. अब यूनिवर्सिटी ने बीटेक कोर्स के लिए दाखिला लेनेवाले छात्रों के लिए 12वीं के फिजिक्स अंकों में कुछ रियायत करने का फैसला किया है. इसमें कम अंक पानेवाले छात्रों को भी दाखिले के लिए स्थान दिया जायेगा. इस […]

कोलकाता : सेल्फ-फिनान्स्ड व सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों पर नियंत्रण रखने का काम राज्य तकनीकी यूनिवर्सिटी का है. अब यूनिवर्सिटी ने बीटेक कोर्स के लिए दाखिला लेनेवाले छात्रों के लिए 12वीं के फिजिक्स अंकों में कुछ रियायत करने का फैसला किया है. इसमें कम अंक पानेवाले छात्रों को भी दाखिले के लिए स्थान दिया जायेगा.
इस मामले में माैलाना अबुल कलाम आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के एक अधिकारी का कहना है कि इस साल उच्च माध्यमिक में फिजिक्स के अंक-अनुपात में काफी कमी आयी है, इसलिए इस तरह की व्यवस्था की गयी है. यूनिवर्सिटी ने ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन को इसके लिए पत्र लिखकर अपील की है. इसमें यह सुझाव दिया है कि अगर कक्षा 12वीं में फिजिक्स, केमेस्ट्री व मैथ्स में 45 प्रतिशत कट-ऑफ रखा जाये, तो छात्रों को काफी राहत मिल सकती है. इस साल उच्च माध्यमिक के छात्रों के फिजिक्स में 45 या उससे कुछ अधिक अंक ही आये हैं.
एआइसीटीइ ने उच्च माध्यमिक छात्रों के लिए बीटेक कोर्स में दाखिले के लिए न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक फिजिक्स, केमेस्ट्री व मैथ्स के लिए रखे हैं. यूनिवर्सिटी ने सुझाव दिया है कि अगर छात्र कंप्यूटर एप्लिकेशन या बायोसाइंस जैसे विषय ले रहे हैं, तो मैथ्स में 45 प्रतिशत अंक अनिवार्य होना चाहिए. किसी छात्र ने अगर बोर्ड परीक्षा में 45 प्रतिशत से कम अंक फिजिक्स में हासिल किये हैं, तो उसे कुछ राहत दी जा सकती है.
एआइसीटीइ ने इसके लिए एक रणनीति तैयार की है. इंजीनियरिंग में पढ़ने के लिए छात्रों की बेसिक साइंस में एक मजबूत पकड़ होनी चाहिए. जेइइ के एक अधिकारी का कहना है कि अब यूनिवर्सिटी ने निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में सीटें भरने के लिए एक नया मापदंड तैयार किया है. शिक्षा का स्तर बनाये रखने के लिए यह पहल की जा रही है.
एकेडमिक सत्र 2018-19 के लिए जेइइ सूचना ब्रोशियर में उल्लेख किया गया है कि इंजीनियरिंग में जाने के इच्छुक छात्रों को प्लस 2 बोर्ड परीक्षा फिजिक्स व मैथ्स के साथ पास करना जरूरी होगा. साथ ही केमेस्ट्री, बायोटेक्नोलोजी, बायलोजी, कंप्यूटर साइंस व कंप्यूटर एप्लिकेशन एक अनिवार्य विषय के रूप में होना चाहिए.
एक साथ लिये जानेवाले तीन विषयों में छात्रों के 45 प्रतिशत अंक होने चाहिए. विश्वविद्यालयों ने एआइसीटीइ की सलाह पर अब योग्यता क्राइटेरिया बदल दिया है. हालांकि अभी जेइइ में छात्रों ने मैथ्स व केमेस्ट्री में काफी अच्छे अंक हासिल किये हैं, लेकिन फिजिक्स में 45 प्रतिशत से भी कम अंक आये हैं. इससे उनके इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला लेने पर असर पड़ सकता है. इसी को ध्यान में रख कर छात्रों को कुछ रियायत व छूट देने की एआइसीटीइ से अपील की गयी है.

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