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अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहीं जूट मिलों को केंद्रीय मंत्री ने दिया झटका

कोलकाता : केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरुवार को जूट मिल मालिकों से सरकारी ऑडरों पर निर्भरता कम करने और जूट से बने उत्पादों की ओर ध्यान देने का आग्रह किया. वर्तमान में सरकार के जूट पैकेजिंग सामग्री (पैकिंग जिंसों में अनिवार्य इस्तेमाल) अधिनियम ,1987 (जेपीएम अधिनियम) के अंतर्गत 90 प्रतिशत अनाज की पैकिंग […]

कोलकाता : केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरुवार को जूट मिल मालिकों से सरकारी ऑडरों पर निर्भरता कम करने और जूट से बने उत्पादों की ओर ध्यान देने का आग्रह किया. वर्तमान में सरकार के जूट पैकेजिंग सामग्री (पैकिंग जिंसों में अनिवार्य इस्तेमाल) अधिनियम ,1987 (जेपीएम अधिनियम) के अंतर्गत 90 प्रतिशत अनाज की पैकिंग और 20 प्रतिशत चीनी पैकिंग में जूट के बोरों का इस्तेमाल अनिवार्य है. ईरानी ने मर्चेंट चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एक कार्यक्रम में कहा कि पश्चिम बंगाल को जूट उत्पादों का निर्यातक बनने के लिए प्रयास करना चाहिए.
ईरानी ने कहा कि प्रौद्योगिकी उन्नयन कोष (टीयूएफ) योजना के तहत मांगी गयी 90 फीसदी धनराशि वितरित की जा चुकी है. 2022 तक के लिये सरकार ने प्रौद्योगिकी उन्नयन कोष के तहत 17,822 करोड़ रुपये को मंजूरी दी है. केंद्रीय कपड़ा मंत्री ने गुरुवार को घरेलू कॉटन उद्योग को ग्लोबल ब्रांड बनाने की दिशा में प्रयास करने पर जोर दिया. उन्होंने विदेशी बाजार में निर्यात करनेवालों को कॉटन की ब्रांडिंग के संबंध में प्रस्ताव पेश करने का सुझाव दिया.
सरकारी ऑडरों पर निर्भरता कम करें – स्मृति ईरानी, केंद्रीय मंत्री
बंगाल में जूट उत्पादन से जुड़े किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले बीज मुहैया कराया जाना चाहिए. हमें भी बांग्लादेश की तरह बेहतर जूट का उत्पादन करने का प्रयास करना होगा. हमारे पास क्षमता भरपूर है लेकिन कच्चे माल का पर्याप्त उत्पादन और उत्पादों के विविधीकरण की जरूरत है
जूट निर्यातक बन सकता है भारत
स्मृति ईरानी ने कहा कि बंगाल में जूट उत्पादन से जुड़े किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले बीज मुहैया कराया जाना चाहिए. हमें भी बांग्लादेश की तरह बेहतर जूट का उत्पादन करने का प्रयास करना होगा. हमारे पास क्षमता भरपूर है लेकिन कच्चे माल का पर्याप्त उत्पादन और उत्पादों के विविधीकरण की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से किसानों को प्रमाणित जूट बीज वितरित किये जायेंगे. साथ ही जूट की खेती में तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा.
मंत्री ने बताया कि उत्तर बंगाल में ‘मलमल’ के औषधीय गुणों और एक्जिमा के उपचार में इसके चिकित्सीय गुणों का प्रचार किया जाना चाहिए. इसके पूर्व स्वागत भाषण में चैंबर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विशाल झाझरिया ने हाल के वर्षों में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय कदमों के बारे में बात की. वस्त्र के क्षेत्र में 100% एफडीआइ के अलावा पश्चिम बंगाल की क्षमता के बारे में भी चर्चा की.
उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार की पहल और ‘ प्रोजेक्ट टेक्सप्रो बंगाल’ के तहत 13 कपड़ा पार्क बनाये जाने की जानकारी दी. एमसीसीआइ के वस्त्र संबंधी स्थायी समिति के अध्यक्ष संजय जैन ने पश्चिम बंगाल सरकार की उद्योग हितैषी नीतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि तिरुपुर और तमिलनाडु के अन्य क्षेत्रों से अब कोलकाता समेत पश्चिम बंगाल के विभिन्न इलाकों में रिवर्स माइग्रेशन हो रहा है.

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