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प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी ने दिया जेइइ बोर्ड को पत्र

कोलकाता : प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी ने जेइइ (ज्वाइंट इंट्रेंस एक्जामिनेशन) बोर्ड से पत्र लिख कर इस बात का जवाब मांगा है कि स्नातक स्तर पर राजनीति विज्ञान कोर्स के लिए जारी एडमिशन टेस्ट में विसंगतियों के लिए स्पष्टीकरण दे. इसमें कहा गया है कि एडमिशन टेस्ट के प्रश्नपत्र पैटर्न में किये गये बदलाव की सूचना छात्रों […]

कोलकाता : प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी ने जेइइ (ज्वाइंट इंट्रेंस एक्जामिनेशन) बोर्ड से पत्र लिख कर इस बात का जवाब मांगा है कि स्नातक स्तर पर राजनीति विज्ञान कोर्स के लिए जारी एडमिशन टेस्ट में विसंगतियों के लिए स्पष्टीकरण दे. इसमें कहा गया है कि एडमिशन टेस्ट के प्रश्नपत्र पैटर्न में किये गये बदलाव की सूचना छात्रों को पहले क्यों नहीं दी गयी.
इस मामले में यूनिवर्सिटी एडमिशन कमेटी के संयोजक अरविंद नायक ने बोर्ड से पत्र लिख कर खुलासा करने की अपील की है. उल्लेखनीय है कि एसएफआइ छात्रों ने पेपर में बदले पैटर्न को लेकर डीन का काफी घंटों तक घेराव किया था. इसके बाद बोर्ड से अपील की गयी है. छात्रों ने टेस्ट में बदले हुए पैटर्न को लेकर काफी प्रतिवाद किया था. एडमिशन टेस्ट देनेवाले कुछ छात्रों का कहना है कि प्रश्नपत्र के पैटर्न में बदलाव के कारण उन्हें काफी समस्या उठानी पड़ी. इस असुविधा के लिए प्रेसिडेंसी में शिकायत की गयी. छात्रों ने दावा किया कि जेइइ बोर्ड के सूचना ब्रोशियर में जो घोषणा जारी की गयी थी, वैसा कुछ भी पेपर में नहीं दिया गया है. इस ब्रोशियर में कहा गया था कि 90 प्रतिशत प्रश्न राजनीति विज्ञान से व बाकी के इंगलिश पर आधारित होंगे. जबकि पेपर में ज्यादातर प्रश्न लॉजिकल रीजनिंग पर आधारित थे. जेइइ बोर्ड के एक अधिकारी का कहना है कि पैटर्न में किये गये बदलाव की सूचना बोर्ड की वेबसाइट पर फरवरी में दे दी गयी थी. बोर्ड ने यह स्वीकार किया कि इसे बाद में भी रिवाइज किया जाना चाहिए था, लेकिन नहीं किया गया. यूनिवर्सिटी के अधिकारियों का कहना है कि छात्रों द्वारा प्रतिवाद करने के बाद बोर्ड को पत्र लिखा गया. इस विषय में एक छात्र का कहना है कि पेपर का पैटर्न क्यों व किसके द्वारा बदला गया है, यह जानने का अधिकार परीक्षा देनेवाले सभी छात्रों को है. कई परीक्षार्थियों का कहना है कि इस बदलाव के कारण छात्र ठीक से उत्तर नहीं लिख पाये. ब्रोशियर में साफ कहा गया है कि ज्यादातर टेस्ट राजनीति साइंस पर होंगे. उसी आधार पर पेपर तैयार किये गये. दूसरे परीक्षार्थी का कहना है कि आवेदन फार्म पर छात्रों के इमेल व नंबर दिये गये थे, इस पर बदलाव की सूचना दी जा सकती थी. इस बारे में जेइइ बोर्ड के एक अधिकारी का कहना है कि यूनिवर्सिटी के सुझाव पर ही कुछ बदलाव किये गये थे. अब इसके लिए कोई विकल्प शीघ्र खोजा जायेगा.

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